सागर, अतुल मिश्रा। एमपी में 108 एम्बुलेंस (108 ambulance) की सेवाएं गड़बड़ाती नजर आने लगी है। घण्टो फोन नही उठता है। समय पर नही पहुचने से पीड़ित की मौत तक हो रही है। ताजा मामला सागर (Sagar) जिले के रहली का है। विधानसभा क्षेत्र रहली के शाहपुर के एक सुधीर लड़िया के परिवार में बेटे ने जन्म दिया। शासकीय मेडिकल कालेज सागर में चार दिन पहले डिलेवरी हुई। उस बच्चे का मल द्वार बंद होने के कारण हालत बिगड़ने पर बच्चे को भोपाल सर्जरी हेतु ले जाने 108 एम्बुलेंस को फोन लगाया गया। करीब 5 घण्टे तक उठा नही। मेडिकल कालेज के डॉक्टर से लेकर नवजात के परिजन तक फोन लगाते रहे। तब मंत्री भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गब को रात में फोन किया गया। उन्होंने भी प्रयास किये। फिर बाद में अभिषेक ने निजी व्यवस्था की। उसके बाद भोपाल ले जाते समय रास्ते मे ही उस मासूम की मौत हो गई।
अभिषेक भार्गव का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रो में अक्सर ऐसा हो रहा है। मुझे रात में मेघराज लड़िया ने फोन लगाया और हालात बताई। मंत्री पुत्र और भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश पदाधिकारी अभिषेक भार्गव ने फेसबुक पर पूरी घटना का ब्यौरा शेयर करते हुए, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम खुली चिठ्ठी लिखी। जिसमे 108 एम्बुलेंस की लापरवाही से अवगत कराया और व्यवस्था सुधारने की अपील की।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी
विगत कुछ वर्ष पूर्व शुरू की गई 108 एंबुलेंस सेवा पूर्व के वर्षो तक सफलता पूर्वक संचालित रही है ।बेहद आपातकाल में यह एंबुलेंस देवदूत बनकर लोगो के काम आई है ।हजारों लाखों लोगो के जीवन बचाने का पुण्य कार्य 108 एंबुलेंस द्वारा किया जाता रहा है ।परंतु अब इस योजना में तत्परता नहीं दिखती ।इमरजेंसी में घंटो फोन लगाने पर लगातार फोन व्यस्त बताता रहता है ।फोन लगने पर भी एंबुलेंस के लिए दो तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है ।विगत कई महीनो से इस प्रकार की समस्या का अनुभव हम सब कर रहे है लेकिन कल रात्रि को ही एक दुखद घटना के कारण आज सार्वजनिक रूप से इस समस्या को उठा रहा हूं। कल रात्रि में लगभग 11बजे मुझे सागर मेडिकल कालेज से फोन पर सूचना आई की हमारे शाहपुर नगर के लड़ियां परिवार में बच्चे का जन्म हुआ है परंतु जन्म से बच्चा अस्वस्थ है ।शरीर से मल निकासी की जगह खुली नहीं है और पेट फूल रहा है अतः तत्काल भोपाल सर्जरी के लिए ले जाना है ।
उन्होंने बताया की हम शाम साढ़े सात बजे से 108 नंबर पर फोन लगा रहे है परंतु अभी 11बजे तक भी फोन नही लगा ।मेडिकल कालेज के डाक्टरों सहित अन्य लोगो ने भी लगातार 5 घंटे तक फोन लगाए परंतु उनका फोन भी नही लगा ।सूचना मिलने पर मित्र शानू हर्शे को मेडिकल कालेज भेजा ।और निजी खर्चे पर एंबुलेंस की व्यवस्था कर बच्चे को उनके परिजनों सहित भोपाल भेजा।परंतु दुर्भाग्य से भोपाल के पास बच्चे का दुखद निधन हो गया । परिजनों सहित इस घटना से हम सभी भी बहुत दुखी है ।जीवन मृत्यु ईश्वर के हाथ मैं है परंतु प्रयासों में कमी के कारण अगर दुखद घटना हो तो उसका मलाल जीवन भर बना रहता है संभवतः अगर समय रहते एंबुलेंस उपलब्ध हो जाती तो शायद बच्चे का जीवन बच सकता था ।
माननीय मुख्यमंत्री जी 108एंबुलेंस सेवा आपकी बहुत शानदार योजना है ।इस एंबुलेंस सेवा पर प्रदेशवासियों को बड़ा विश्वास और भरोसा रहता है ।कर्मचारी और संचालकों की लापरवाही की सजा प्रदेशवासियों को न भुगतना पड़े इस हेतु आपको विशेष ध्यान रखना होगा ।आप बेहद संवेदनशील है निश्चित तौर पर आप इस समस्या की तरफ ध्यान देते हुए इस योजना को सुदृण बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”