सागर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में लंबे अंतराल के बाद अब पुलिसकर्मियों(policeman) के पदोन्नति (promotion) का रास्ता निकाला गया है। इसके साथ ही प्रदेश भर में पुलिस विभाग के सभी कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा रहा है। इसी बीच प्रदेश के सागर में पदोन्नति को लेकर एक अलग ही मामला सामने आया है।
दरअसल जेएनपीए, जवाहर नेहरू पुलिस अकैडमी सागर (Jawahar Nehru Police Academy Sagar) में प्रधान आरक्षकों (Head constables) ने उच्च पद का प्रभार लेने से इनकार कर दिया है। बता दे कि जीएनपीए में 15 प्रधान आरक्षक हैं। जिन्हें वरिष्ठ पदों का प्रभार दिया जा रहा था। हालांकि जेएनपीए में सहायक पुलिस निरीक्षक के एक भी पद नहीं होने की वजह से इन 15 आरक्षकों को पदनाम के बाद तबादले की स्थिति का सामना करना पड़ता। जिस को ध्यान में रखते हुए इन 15 प्रधान आरक्षकों ने इस पदनाम से इंकार कर दिया।
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इस मामले में जेएनपीए के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक का कहना है कि अन्य स्थान पर तबादले से बचने के लिए प्रधान आरक्षक द्वारा उच्च पद का प्रभार लेने से इनकार किया गया है हालांकि पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों की जानकारी में यह मामला भेज दिया गया है जल्द ही इस पर समाधान निकाला जाएगा।
इधर मामला तब गरमाया जब इसकी भनक आरक्षकों को लगी और अक्षय को ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इसकी शिकायत पुलिस मुख्यालय (PHQ) में कर दी। आरक्षकों का कहना है कि प्रधान आरक्षकों का पद रिक्त नहीं होने से उन्हें उच्च प्रभार से वंचित होना पड़ेगा।
इसके साथ ही आरक्षकों की मांग है कि उसको उच्च पद का प्रभार देने के बाद सागर रेंज को एक इकाई माना जाए और इसके साथ ही सूची जारी की जाए। वहीं मामले में पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस समस्या के निराकरण के लिए रास्ता निकाला जा रहा है और जल्द ही मामले का समाधान कर दिया जाएगा।