चिटफंडियो पर सागर प्रशासन पुलिस की मेहरबानी, सरकार का आदेश ताक पर

Amit Sengar
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सागर, डेस्क रिपोर्ट। सरकार द्वारा प्रदेश भर में चिटफंडियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देशों का सागर (sagar) जिले में जमकर मखौल उड़ाया जा रहा है। तमाम शिकायतें करने के बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस ने अब तक चिटफंडियो के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।

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प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा के सख्त निर्देश हैं कि चिटफंड कंपनियों के मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जिन लोगों ने इन कंपनियों में निवेश किया है उनका पैसा वापस लौटाया जाए। इन्हीं निर्देशों के चलते प्रदेश भर में सहारा इंडिया कंपनी के ऊपर लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा एफ आई आर दर्ज हो चुकी है। लेकिन सागर जिले में प्रशासन और पुलिस आंख बंद करके बैठा है।

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सितंबर माह में पुलिस और प्रशासन को दिए गए आवेदन में सागर जिले के सभी सहारा कार्यकर्ताओं की ओर से सहारा इंडिया कंपनी के चेयरमैन सुब्रत राय, उप प्रबंधक ओपी श्रीवास्तव सहित कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया गया था। इस आवेदन में बताया गया था कि सहारा इंडिया के सागर जिले में कई कार्यकर्ता हैं जो सहारा इंडिया कंपनी की सोसायटियों में एडुकेटर यानी शिक्षक के पद पर कार्य कर रहे हैं। कंपनी जमा कर्ताओं का परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी पैसा वापस नहीं कर रही है और इसलिए जमाकर्ता इन लोगों पर दबाव डाल रहे हैं। यानि खुद सहारा कंपनी के कार्यकर्ताओं ने ही कंपनी की पोल खोलते हुए आला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

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सितंबर में दिए गए आवेदन के बाद कार्यकर्ताओं द्वारा कई बार रिमाइंडर आवेदन भी दिए गए लेकिन अब तक पुलिस और प्रशासन दोनों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा कई बार बैठकों के माध्यम से निर्देश दे चुके हैं कि चिटफंड कंपनियों के मालिकों पर सख्त कार्रवाई कर निवेशकों का पैसा वापस लौटाया जाए। लेकिन सागर का जिला प्रशासन और पुलिस न जाने किसकी दबाब में कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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