खाना खाते अचानक आ गई मौत, टोल प्लाजा कर्मचारी बेहोश होकर गिरा उड़ गए प्राण

Atul Saxena
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Sudden Death Of Sagar Toll Plaza Employee : सदियों से सुनते आये हैं कि मौत का कोई भरोसा नहीं है, लेकिन अब तकनीक के इस दौर में ये दिखाई भी दे जाता है। दरअसल एक ऐसा ही मौत का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति टेबल पर बैठकर खाना खा रहा है , उसे अचानक चक्कर से आते हैं  वो झटका खाता है, पल भर में ही टेबल से उलटा लटक जाता है और सिर के बल गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है, ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

मौत का Live वीडियो वायरल 

अचानक दबे पांव आई मौत का ये वीडियो सागर जिले के मालथोन टोल प्लाजा का बताया जा रहा है जहाँ काम करने वाले एक कर्मचारी की आज अचानक जान चली गई , मृतक टोल प्लाजा पर सुरक्षा गार्ड था , जिस कमरे से मौत उसे ले गई उसमें सीसीटीवी कैमरा लगा था जिसमें पूरी घटना कैद हो गई जो अब वायरल हो रही है।

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खाना खाते खाते अचानक आ गई मौत

जानकारी के अनुसार NH 44 के मालथोन टोल प्लाजा सागर पर 52 साल के उदल सिंह यादव बतौर सुरक्षा गार्ड पदस्थ थे , जो कुछ वीडियो में दिख रहा है उसके अनुसार उदल सिंह कमरे के अन्दर टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे , खाना खाते खाते अचानक उन्हें चक्कर से आये वे झटका खाकर दीवार से टिके, फिर अचानक पीछे की तरफ लुढ़के और फिर सिर के बल नीचे गिर गए और उनके प्राण पखेरू उड़ गए। पूरा घट्नाक्रम चंद सेकण्ड का ही है।

जिसमें भी सुना शॉक हो गया 

आवाज सुनकर साथ में काम करने वाले अन्य कर्मचारी अन्दर भागे , उनकी हालत देखकर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर भागे जहाँ डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उदल सिंह मालथोन के ही रहने वाले थे,अचानक मौत की बात  सुनकर आसपास के लोग भी इकठ्ठा हो गए , पुलिस को सूचना दी गई है। पुलिस ने सीसीटीवी जब्त कर मर्ग कायम कर लिया है।

चर्चा का विषय बन गई है उदल सिंह की मौत 

बहरहाल मौत तो एक दिन सबको आनी है लेकिन अचानक एक व्यक्ति का ऐसे खाना खाते खाते चंद सेकंड में चले जाना चर्चा का विषय बन गया है, लोग इसे लेकर थोड़े भयभीत हो गए हैं , वीडियो को लोग शेयर कर रहे है, ट्वीट, री ट्वीट कर रहे हैं।

Twitter Courtesy : @ravibhajni


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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