सुरखी कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने निर्वाचन आयोग से की एसडीएम और तहसीलदार की शिकायत

Gaurav Sharma
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सुरखी उपचुनाव में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी पारुल साहू

सागर/सुरखी, ब्रजेन्द्र रायकवार। जिले की सुरखी उपचुनाव में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी और पूर्व विधायक पारुल साहू ने सागर एसडीएम संतोष चंदेल और जैसीनगर तहसीलदार एलआर जाघड़े को निलंबित करने की मांग चुनाव निर्वाचन आयोग से की है।

शिकायती पत्र में पारूल साहू ने एसडीएम संतोष चंदेल पर व्यक्तिगत रूप से उनके परिवार से द्वेष भावना रखने का आरोप लगाया है, क्योंकि विधायक रहते पारूल साहू ने विधानसभा में एसडीएम संतोष चंदेल के विरुद्ध एक प्रकरण में प्रश्न किया था तथा सरकार ने एसडीएम संतोष चंदेल को सागर एसडीएम पद से हटाने एवं जांच के आदेश दिए थे। इसी तरह जैसीनगर तहसीलदार एलआर जाघड़े पर भाजपा के प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत के पक्ष में कार्य करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दूसरे संभाग में मुख्यालय बनाने की मांग की है। वहीं इस मामले में भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई मंत्री प्रतिनिधि हीरा सिंह राजपूत का कहना है कि कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए अधिकारियों की शिकायत कर रही है।

वहीं इस मामले में भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई मंत्री प्रतिनिधि हीरा सिंह राजपूत का कहना है कि कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए अधिकारियों की शिकायत कर रही है। बता दें कि 18 सितंबर को बीजेपी की पूर्व विधायक पारुल साहू ने कांग्रेस का दामन थामा था। पारुल साहू ने पूर्व सीएम कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ली थी। परूल साहू ने 2013 के विधानसभा चुनाव में उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार गोविंद सिंह राजपूत को 142 वोटों से मात दी थी। वहीं 2018 के चुनाव में बीजेपी ने पारुल साहू को टिकट नहीं दिया था। वहीं इसी साल कांग्रेस से प्रत्याशी रहे गोविद सिंह राजपूत विधानसभा पहुंचे थे।

सुरखी कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू ने निर्वाचन आयोग से की एसडीएम और तहसीलदार की शिकायत


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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