नरकीय जीवन भागने को मजबूर, डेढ़ साल से झोपड़ी में बिस्तर पर पड़ा आदिवासी नौजवान

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सागर, विनोद जैन। लोगों को झकझोर देने वाली यह खबर नगर परिषद सुरखी विधानसभा सुरखी जिला सागर की है। दरअसल नगर परिषद सुरखी में डेनिडा भवन और आंगनबाड़ी भवन के पास एक बेहद गरीब आदिवासी युवक मंगल पिता गजराज सौर विगत डेढ़ साल से लकवा से ग्रसित है और वह एक टूटी फूटी झोपडी में भूखा अपनी मां के साथ बिस्तर पर पडा है क्योंकि उसके पास इलाज के लिये पैसे नहीं हैं, खाने के लिए अनाज नहीं है। उसकी बूढी मां जैसे तैसे खाने के लिए कहीं न कहीं से खाने को मांग लाती है। खाना कभी मिल जाता है और कभी नहीं भी मिलता।

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युवक का शरीर मांस के लोथडे में बदल गया है लेकिन शरीर फिर भी जिंदा है
इस युवक के हालत के बारे में बात करें तो, अगर कोई कमजोर दिलवाला इस युवक के शरीर को देख ले तो बेहोश होकर गिर पडेगा क्योंकि युवक डेढ साल से बिस्तर पर पड़ा हुआ है और बिस्तर पर पड़े पड़े उसकी चमडी शरीर पर नहीं बची है। घावों के कारण मांस ही मांस हर जगह नजर आता है। युवक मंगल सौर अपने मां बाप का इकलौता पुत्र हैं इसके एक भाई की पहले ही मृत्यु हो चुकी है इसकी असहाय बूढी मां अपने बेटे की दुर्दशा अपनी गरीबी और लाचारी पर सिवाय रोने के कुछ भी करने लायक नहीं है।

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शासन प्रशासन मदद कर दे तो इलाज से ठीक हो सकता है मंगल
इस बेबश और बेसहार माँ की उम्मीद केवल प्रसाशन से लगी है कि उसे कोई मदद मिल जाये। अब यहाँ से यदि कोई सांसद विधायक मंत्री या समाजसेवी और शासन प्रशासन को इस पर दया आ जाये और उसका उचित इलाज हो जाये तो मौत का पल पल इंतजार कर रहे एक गरीब नवयुवक की जान बच सकती है और वह अपनी मां का फिर से सहारा बन सकता है क्योंकि इसके पहले यह युवक मजदूरी व हम्माली करके अपने परिवार का पेट पालता था।


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Ram Govind Kabiriya

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