इलाज के अभाव में जिंदा मरीज को खा रहे कीड़े, अस्पताल प्रबंधन ने किया दरवाजा बंद

सागर,डेस्क रिपोर्ट। जिले के बीना तहसील से असंवेदनशील मामला सामने आया है,जिसमें शहर के सिविल अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती एक असहाय वृद्ध 6 दिन से इलाज की राह देख रहा है। पीड़ित वृद्ध के हाथ में गहरा घाव हुआ था, जिसपर अब कीड़े लग गए है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज का इलाज करने की जगह उसके अंग से बदबू आने के कारण वार्ड का दरवाजा ही बंद कर दिया गया। लगातार 6 दिन से इलाज की राह देख रहा मरीज अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। बूजुर्ग की हालत सामने होने के बावजूद उसका इलाज नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि 30 सितंबर को वृद्ध मरीज को हाथ में गंभीर घाव होने के कारण पुलिस के डायल 100 वाहन द्वारा सिविल अस्पताल लाया गया था। जिसके बाद मरीज को मरहम पट्टी करने के बाद उसे पुरुष वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। उस दिन के बाद से अभी तक मरीज उसी वार्ड के कमरे की जमीन पर पड़ा हुआ है। वहीं मरीज के घाव की नियमित पट्टी और इलाज नहीं होने के कारण उसके  जख्म पर कीड़े पड़ गए है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।