बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत अपने दो दिवसीय दौरे पर चित्रकूट पहुंचे, जहां संघ प्रमुख ने मानस मर्मज्ञ बैकुंठवासी पंडित रामकिंकर उपाध्याय की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया। वहीं इस समारोह में राष्ट्रीय संत एवं मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में संत, महंत, कथावाचक और प्रबुद्ध जन भी इस समारोह में शामिल हुए।
वहीं इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म और सत्य के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने सभी भारतीयों से अपने कर्तव्यों का पालन करने की अपेक्षा की। संघ प्रमुख ने कहा कि चित्रकूट आने का मेरा यह उद्देश्य सफल हुआ, मुझे सन्तो का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
सत्य को कभी दबाया नहीं जा सकता: संघ प्रमुख मोहन भागवत
दरअसल इस समारोह को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि “भारत देश के सामने धर्म और अधर्म की लड़ाई चल रही है, इस लड़ाई में धर्म के पक्ष में खड़ा होना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है।” दरअसल संघ प्रमुख ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि इस लड़ाई में हम सत्य का पक्ष लें और यह सत्य ईश्वर प्रदत्त है, इसे कभी भी दबाया नहीं जा सकता है। मोहन भागवत ने कहा कि, “एक तरफ स्वार्थ का दैत्य उभरते भारत को दबाने का यानी सत्य को दबाने का प्रयास कर रहा है लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि सत्य कभी दबता नहीं है, सत्य सिर में चढ़कर बोलता है।”
सनातन धर्म का प्रसार करना हिन्दू समाज और भारत का कर्तव्य
इसके साथ ही इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी संदेश दिया कि भारत की पहचान उसकी ऋषि-संतों की परंपरा से है, भारतीय समाज में ईश्वर निष्ठा और सेवा का भाव झलकता है। दरअसल संघ प्रमुख ने कहा कि “हमारी हस्ती को कभी भी मिटाया नहीं जा सकता क्योंकि इसे हमारे संतों और ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त है।” मोहन भागवत ने सनातन धर्म पर बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म का प्रसार करना हिन्दू समाज और भारत का कर्तव्य है। दरअसल मोहन भागवत ने कहा कि “एक अच्छा भोजन करने के बाद थोड़ा सा कड़वा चूर्ण खाने से हाजमा ठीक होता है। मेरे वक्तव्य को उसी चूर्ण की तरह समझें।”
सतना से मो.फारूख की रिपोर्ट