फिर बाहर आया गुटबाजी का जिन्न, बोले अजय सिंह, पहले नेता आपस में लड़ना बंद करें, तब मजबूत होगी कांग्रेस

पूर्व विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मध्य प्रदेश के प्रभारी हरीश चौधरी के सामने कहा कि रीवा सतना का नाम सुनकर बड़े बड़े नेताओं को बुखार आ जाता था लेकिन बहुत दिन बाद AICC के महा सचिव यहाँ आये हैं अब हमें गुटबाजी छोड़कर कांग्रेस को मिलकर मजबूत करना है।

Ajay Singh spoke on groupism in Congress: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद से कांग्रेस नेता  एक बार फिर पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं  इसके लिए प्रदेश स्तर पर राष्ट्रीय स्टार पर भी फेरबदल किये जा रहे हैं लेकिन गुटबाजी और दगाबाजी का जो दर्द सीनियर नेताओं के दिल में है मौका मिलते ही बाहर आ जाता है ऐसा ही सतना में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हुआ जब पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया मंच पर बोलने के लिए खड़े हुए।

अजय सिंह ने बघेली भाषा में अपने लोगों को संबोधित किया, उन्होंने कांग्रेस को मजबूत करने के आह्वान तो किया लेकिन उनकी आवाज में और शब्दों में पीड़ा थी, अजय सिंह ने कहा नेता आपस में लड़ें लेकिन कार्यकर्ता नहीं लड़ें,  लेकिन मैं ये भी पूछता हूँ कि नेता भी क्यों लड़ रहे , बात तो ऊपर से ही शुरू होती पहले मंच पर बैठे लोग लड़ना बंद कर दें तब हम और जगह देखें।

MP

जिन्होंने मुझे चुनाव हरवाया वो भी यहाँ बैठे हैं 

उन्होंने कहा कोई नेता ने कहा कि वो 47 साल से राजनीति कर रहे हैं एक कहता है उसे 16 साल मेरे पिता हारे, मैं इसमें नहीं जाऊंगा मैं भी दाऊ साहब के साथ मिलकर 22 साल चुनाव का संचालन कर चुका हूँ 7 बार का विधायक 2 बार विधानसभा हारा और दो बार लोकसभा हारा तो 11 साल तो मुझे ही हो गए मैंने सतना से चुनाव लड़ा जिन्होंने मुझे हरवाया वो भी यहीं बैठे हैं सब जानते हैं ।

MP में भी पंजाब जैसे समस्या

हम उसमें नहीं जायेंगे वो पुरानी बात हो गई अब नई बात शुरू करते हैं, आज हमारे प्रभारी हरीश चौधरी परिवर्तन कराने आये हैं ये इत्तफाक नहीं है जसी दाऊ साहब यानि अर्जुन सिंह जी ने पंजाब की समस्या उस समय हल की थी तो ये भी वहां की समस्या दूर कर सरकार बनाकर आये हैं इसलिए राहुल गांधी इन्हें भेजे हैं कि मध्य प्रदेश में भी पंजाब जैसी समस्या हो गई है करीब 22 साल से हम सत्ता से बाहर हैं।

अजय सिंह ने बताया क्यों चाहिए सत्ता  

अजय सिंह ने कहा कि हम लम्बे समय से सत्ता से बाहर हैं लेकिन हमें सत्ता पैसा कमाने के लिए,अपना घर भरने के लिए या फिर परिवार को और खुशहाल बनाने के लिए नहीं चाहिए , सत्ता इसलिए चाहिए कि गरीब, आदिवासी मजदूर  के आंसू पोंछ सकें, उसे कोई नहीं पूछता उसके पास बैठकर कह सकें कि चिंता मत करो हम तुम्हारे साथ हैं।

रीवा सतना का नाम सुनकर बड़े बड़े नेताओं को बुखार आ जाता है 

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने वरिष्ठ नेताओं से गुटबाजी समाप्त करने और एकजुट होकर पार्टी का भविष्य मजबूत करने की अपील की। पटवारी ने कहा- सभी वरिष्ठ नेताओं से मेरी विनम्र अपील है कि पुरानी बातें भूलकर पार्टी के भविष्य पर ध्यान दें। अगर हम पिछली बार के छिलके उतारते रहेंगे, तो हमारा भविष्य उज्ज्वल नहीं होगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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