सीधी हादसे के बीच सतना में कोल समाज ने सरकारी अफसरों पर लगाया धमकाने का आरोप, जबरन ले गए सरकारी कार्यक्रम में

Kol tribal society angry with officers : सतना हवाई पट्टी में गृहमंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने सारी हदें पार कर दी। अधिकारियों ने कोल आदिवासी समाज के इस सरकारी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये कोल समाज द्वारा आयोजित उनके अपने कार्यक्रम को नेस्तनाबूद कर दिया। दरअसल शुक्रवार को रामपुर बघेलान के श्रवण डोंगरी में कोल समाज का सामूहिक विवाह कार्यक्रम हो रहा था और यहां समाज के हजारों लोग जमा थे। लेकिन जिला प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंचे और कार्यक्रम स्थगित कर उनपर सतना के सरकारी कार्यक्रम में चलने का दबाव बनाने लगे। जब आयोजक नहीं माने तो डर और लालच दिया गया। इसके बाद सरकारी अफसर बलपूर्वक 11 नवविवाहित जोड़े सहित कोल समाज की पूरी भीड़ को सतना के कोल महाकुंभ में ले गए। इस बात का खुलासा शनिवार को खुद कोल समाज ने किया है।

सतना में आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ विवादों में घिर गया है। जहां एक तरफ कार्यक्रम के बाद वापस जा रही बस हादसे में डेढ़ दर्जन से ज्यादा कोल समाज के लोगों की मौत हो गई, वही रामपुर के श्रवण डोगरी में शबरी जयंती पर आयोजित कोल समाज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम पर सरकारी अफसरों ने पानी फेर दिया। इससे पूरे विंध्यक्षेत्र का कोल समाज आक्रोशित हो गया है। दरअसल रामपुर बघेलान के श्रवण डोंगरी में हमेशा की तरह इस साल भी मप्र. कोल समाज सेवा संघ द्वारा शबरी जयंती के अवसर पर कोल सामूहिक विवाह कराया जा रहा था, जिसमें समाज के 25 जोड़ों की शादी कराई जा रही थी। कार्यक्रम में कोल समाज के हजारों लोग जमा थे, लेकिन ऐन वक्त पर रामपुर एसडीएम दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और कार्यक्रम को स्थगित कर सभी लोगो को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह के मुख्य आतिथ्य वाले कोल जनजाति महाकुंभ में सतना चलने को कहा। जब आयोजक इस बात के लिए नहीं माने तो सरकारी अफसरों ने सरपंच, पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और पुलिसकर्मियों के जरिए कोल समाज के लोगों को डराया धमकाया। इसके बाद दूल्हा दुल्हन को पैसों का लालच देकर बलपूर्वक 11 जोड़ों सहित पूरी भीड़ को सतना ले गए।

हालांकि कोल समाज ने हार नहीं मानी और अपने पारंपरिक रीति रिवाज निभाते हुए 6 जोड़ों की शादी कराई। दिलचस्प बात यह रही कि ब्राम्हण पंडित की बजाय एक कोल आदिवासी ने वैदिक मंत्रोपचार कर पूरे वैवाहिक कार्यक्रम को सम्पन्न कराया। लेकिन यहां अपने साथ हुई सरकारी जोर जबरदस्ती से कोल समाज बेहद आहत है। कोल सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजक मप्र. कोल समाज सेवा संघ ने कहा है कि हमारे सामूहिक कार्यक्रम में विघ्न पहुंचाकर सरकारी अफसरों ने जिला प्रशासन और बड़े-बड़े नेताओं की नजर में अपने अंक तो बढ़ा लिए हैं, लेकिन आने वाले चुनाव में कोल समाज भाजपा सरकार अंक का गणित समझाएगा।

सतना से मो. फारूख कुरैशी की रिपोर्ट