Satna News: अस्पताल में डिजिटल झाड़-फूँक और तांत्रिक क्रियाओं से हुआ मरीज का ईलाज, जानें पूरा मामला
सतना के अस्पताल में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां मरीज का ईलाज दवाइयों से नहीं बल्कि झाड़फूँक और तांत्रिक क्रियाओं से हुआ। जिसे डॉक्टर्स और नर्सों ने रोकने की कोशिश भी नहीं की।
Satna News: विज्ञान कितनी भी तरक्की कर लें लेकिन ग्रामीणों की आस्था श्रद्धा और विश्वास को खत्म नहीं कर पाया। अंधविश्वास और किवदंतियों ने इंसानी दिमाग में मजबूत जाल बुन रखा है, जिसे तोड़ पाना मुश्किल लगता है। आज ऐसी ही कुछ घटना सतना के अमरपाटन अस्पताल में देखने को मिली। जहां डॉक्टरों और दवाइयों की जगह तांत्रिक क्रिया और झाड़फूँक लेता हुआ नजर आया।
ये है पूरा मामला
दरअसल, करही गांव निवासी खेतिहर मजदूर गणपत साकेत को काम करने के दौरान जहरीले बिच्छू ने हाथ की उंगली में काट लिया। बिच्छू का जहर असर दिखाने लगा। दर्द से कराहते गणपत को परिजन अमरपाटन अस्प्ताल में भर्ती करा दिया। डॉक्टर मुनासिब दवा इंजेक्शन देकर ईलाज कर रहे थे, लेकिन मरीज के दर्द में दवा बेअसर साबित हो रही थी। मरीज और परिजनों ने झाड़फूँक से बिच्छू का जहर उतारने के लिये एक तांत्रिक को ढूंढ निकाला लेकिन तांत्रिक के दूर होने से वह अस्प्ताल तो नहीं आ सकता था। लिहाजा अस्प्ताल के बेड पर गणपत के कान में मोबाइल लगाया गया और तांत्रिक मोबाइल पर ही तंत्रमंत्र और झाड़फूंक की क्रिया करने लगा।
वायरल हुआ वीडियो
आधुनिक और उन्नत चिकित्सकीय युग अस्प्ताल बेड पर खुलेआम तांत्रिक क्रियाएं होती रही। लेकिन अस्प्ताल प्रबंधन डॉक्टर और नर्सो ने रोकने टोकने की जरूरत नहीं समझी। अस्प्ताल के अंदर मरीज को दावा ईलाज से ठीक करने की बजाय झाड़फूंक और तांत्रिक क्रियाओ से ठीक किया जाने लगा। पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मरीज गणपत खुलेआम झाड़फूंक की बात स्वीकार रहा है, लेकिन अस्प्ताल प्रबंधन इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नही है ।