MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

महाकालेश्वर मंदिर में सावन दर्शन का ऐसा रहेगा टाइमटेबल, ऐसे होगी भस्म आरती और कांवड़ियों की एंट्री

Written by:Ronak Namdev
Published:
सावन के पवित्र महीने में उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की भीड़ हर साल रिकॉर्ड तोड़ती है। इस बार मंदिर समिति ने सामान्य श्रद्धालुओं और कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिसमें दर्शन के लिए गेट्स, जल अर्पण व्यवस्था और भस्म आरती का नया टाइम भी तय किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर में सावन दर्शन का ऐसा रहेगा टाइमटेबल, ऐसे होगी भस्म आरती और कांवड़ियों की एंट्री

उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर, सावन के महीने में पूरे भारत से आने वाले शिवभक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन जाता है। ऐसे में मंदिर प्रशासन ने इस बार दर्शन प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सुगम और व्यवस्थित करने की योजना बनाई है। सामान्य श्रद्धालु अब नंदी द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे और गणेश मंडपम से महाकाल के दर्शन कर पाएंगे।

बता दें कि जल अर्पण के लिए सभामंडप और कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र लगाए गए हैं। वहीं, शीघ्र दर्शन और विशेष टिकट धारकों को गेट नंबर 1 और 4 से एंट्री मिलेगी। हर श्रद्धालु को निर्धारित गेट से दर्शन कराना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि भीड़ के बीच कोई अफरातफरी न हो।

प्रसिद्ध भस्म आरती का समय भी बदला गया

दरअसल सावन के दौरान तड़के होने वाली प्रसिद्ध भस्म आरती का समय भी बदला गया है। 11 जुलाई से 18 अगस्त तक रोज़ाना यह आरती रात 3 बजे से 5 बजे तक होगी। खासकर हर सोमवार को यह समय थोड़ा और जल्दी कर दिया गया है, जिसमें आरती रात 2:30 बजे से शुरू होकर 4:30 बजे तक चलेगी। इस दौरान कार्तिकेय मंडपम की अंतिम तीन पंक्तियों में चलित भस्म आरती की सुविधा दी जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आरती का अनुभव ले सकें। सावन खत्म होते ही यानी 19 अगस्त से आरती फिर से पुराने समय अनुसार होगी। ये आरती न सिर्फ शिवभक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी बड़ी आकर्षण का केंद्र होती है।

कांवड़ यात्रियों के लिए खास व्यवस्था

वहीं सावन के दौरान हजारों कांवड़ यात्री महाकाल को जल चढ़ाने उज्जैन पहुंचते हैं। इस भारी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन ने अलग प्लान तैयार किया है। मंगलवार से शुक्रवार तक कांवड़ यात्रियों को गेट नंबर 4 से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। लेकिन शनिवार, रविवार और सोमवार को वे भी आम श्रद्धालुओं की तरह निर्धारित गेट से ही अंदर जा सकेंगे। जल अर्पण की व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने सभामंडप में अलग से जल पात्र लगाए हैं और कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पूरे मंदिर परिसर में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा हेल्थ फैसिलिटी और पेयजल की सुविधा भी 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।