अशोक नगर, हितेंद्र बुधौलिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) ने आज रविवार को बाढ़ से प्रभावित अशोक नगर जिले (ashok nagar district ) का हवाई दौरा किया। दौरे के बाद उन्होंने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि संभाग स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेंटर बनाया जाएगा और तीन चरणों में गुना अशोकनगर, श्योपुर सहित पूरे ग्वालियर संभाग में बाढ़ से हुए नुकसान पर राहत कार्य शुरू किए जाएंगे। सिंधिया के साथ जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया एवं पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव मौजूद रहे। इसके अलावा बैठक में क्षेत्रीय विधायक जजपाल सिंह जज्जी,कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।
मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि 50 -60 वर्षों में ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई है। इस बार उत्तरी मध्य प्रदेश के इस इलाके में बारिश ने भारी तबाही मचाई है। उसमें भी श्योपुर, गुना और अशोक नगर तीनो जिलों में बहुत ज्यादा हालत खराब है। सिंधिया का कहना है इन जिलों में हुई भारी बारिश का असर ग्वालियर, दतिया भिंड आदि संभाग के दूसरे जिलों में भी देखने को मिला है। उनका कहना है कि बाढ़ के बाद के हालात से निपटने के लिए कमिश्नर स्तर के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई है। पूरे संभाग के लिए एक डिजास्टर प्लान तैयार किया है। जिसे तीन भागों में बांटा जाएगा। सिंधिया ने बताया की तय किया गया है कि जितने भी नदी, तालाब एवं दूसरे जल स्रोत हैं उनके जलस्तर का हर 2 घंटे में मापन एवं मौसम का पूर्वानुमान एक डैश बोर्ड पर हर जिले में एवं ग्वालियर संभाग में होगा। इस आधार पर संभावित खतरे पर पहले से तैयारियां की जा सकेगी।
इसके अलावा सिंधिया ने कहा की सबसे पहली प्राथमिकता प्रभावित हुए लोगों को फिर से विस्थापित करने की है। साथ ही खराब हो चुकी व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करना बड़ा काम है । इस कार्यो को भी संभाग स्तर पर शेडूयल से पूरी मॉनिटरिंग के साथ किया जाएगा। कितने लोग प्रभावित हुए, कौन-कौन से गांव में राशन पानी एवं बिजली की समस्या है। यह भी डैशबोर्ड पर चिन्हित रहेंगे और इन्हें किस तरह से पूरा किया जाना है। इसका भी रूट चार्ट बनाया जाएगा,
स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि बाढ़ के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत महामारी की संभावना को लेकर रहती है। इसलिए किसी भी तरह के स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जाएगी जो गांव इस बाढ़ की चपेट में आए हैं ।वहां स्वास्थ्य केंद्र लगाए जाएंगे ताकि महामारी ना फैल पाए।
फसलों के सर्वे का निर्देश दिया
बाढ़ एवं जलभराव के कारण भारी मात्रा में सोयाबीन एवं दूसरी फसलों को नुकसान हुआ है। सिंधिया का कहना है कि अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है, कि परिस्थितियों के सामान्य होते ही इसका सर्वे किया जाए, राज्य एवं केंद्र दोनों से संयुक्त मदद के लिए प्लान तैयार किया जाए।
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बचाव कार्यों को सराहा
अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिस तरह से सामूहिक प्रयास के द्वारा सभी ने लोगों की जान बचाने के लिए जो प्रयास किए है। वह काबिले तारीफ है। उनका कहना है कि उन्होंने एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा कर मदद मांगी थी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सबसे पहले 7 हेलीकॉप्टर की मांग की थी, जो खराब मौसम के कारण काम नहीं कर पाए। इसके अलावा बबीना से आर्मी फोर्स एवं एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को तत्काल बचाव कार्य पर लगाया। इस दौरान प्रशासनिक अमले, जनप्रतिनिधियों, मीडिया एवं अन्य लोगों के द्वारा बाढ़ राहत की किए गए कामों की श्री सिंधिया ने सराहना की।
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सिंधिया ने आकंड़े भी जारी किये
बैठक के बाद मीडिया के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तैयारी के साथ आये थे। उनका कहना था कि इस बार जो बारिश हुई है वह लगभग पिछली 8 अगस्त की तुलना में 160% ज्यादा हुई है। साथ ही उनका कहना है कि करीब 55 हजार लोग इस बाढ से प्रभावित हुए हैं। सभी तरह के प्रयासों से लगभग 29 हजार लोगों की जान बचाई गई है। इस दौरान 2 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, 15 से 20 पशुओं के बह जाने की सूचना है। जबकि 500 से ज्यादा मकान ढह जाने की जानकारी प्राप्त हुई है, इसके अलावा फसल का सर्वे परिस्थितियां सामान्य होने के बाद ही किया जा पाएगा।
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इस दौरान पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि पहले से तैयारियों का विषय ही नहीं होता क्योंकि इतनी बड़ी तबाही कि ना संभावना थी और ना ही पहले कभी यहां हुई थी इसके अलावा इस क्षेत्र के लिए केंद्र से स्पेशल पैकेज मांगने के सवाल पर सिंधिया का कहना है कि है सस्ता रास्ता होगा पहले सभी तरह के नुकसान का आकलन हो इसके बाद इस पर आगे बात की जाएगी।