ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने रविवार को दीनदयाल नगर में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण किया। 438 लाख रुपये की लागत से बने अस्पताल के लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने दीनदयाल नगर में इस अस्पताल के बन जाने से न केवल दीनदयाल नगर के निवासियों को बल्कि आस-पास के क्षेत्र के अनेकों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध होंगी। इस क्षेत्र के लोगों को अब जिला अस्पताल मुरार या जेएएच अस्पताल समूह जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सिंधिया ने कहा कि नागरिकों की अपेक्षाओं को साकार करने की जवाबदारी जनप्रतिनिधियों की है। लोगों को बेहतर सुविधायें मिलें और क्षेत्र का विकास हो, इसके लिये हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों में सभी की भागीदारी हो और सब मिलकर अपने क्षेत्र के विकास के लिये प्रयास करें यह हमारा ध्येय होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अधोसंरचना का विकास करना जनप्रतिनिधि की जवाबदारी है। लेकिन शहर के विकास में नागरिकों को भी अपनी जवाबदेही का निर्वहन करना चाहिए।
सिंधिया ने यह भी कहा कि ग्वालियर में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार ने विकास की बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ग्वालियर (Gwalior News) में एक हजार बिस्तर का अस्पताल हो या नया एयरपोर्ट । इसके साथ ही सड़कों के विकास के लिये भी पर्याप्त धनराशि की मंजूरी दी गई है। शहर को नया एलीवेटेड रोड भी मिला है। इन सब कार्यों के पूर्ण हो जाने पर ग्वालियर की तस्वीर बदली-बदली नजर आयेगी।
सिंधिया ने ओमिक्रोन (Omicron) के खतरे के प्रति सचेत रहने के लिए सभी को मास्क लगाने और कोरोना अनुकूल व्यवहार अपनाने की सलाह दी। एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने मीडिया से कहा कि कुछ भी कमी हो आप मुझे बताइये, मैं ठीक कर दूंगा। आपका काम है कमियां बताना और मेरा काम है उन कमियों को ठीक करना।
उन्होंने नागरिकों से आहवान किया कि स्वच्छता के कार्य में वे भागीदार बनें। अपने शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिये शहर का हर नागरिक स्वच्छता अभियान में जुड़े और लोगों को प्रेरित भी करे। शहर का हर नागरिक स्वच्छता को अपना ले तो कोई कारण नहीं है कि हमारा शहर भी स्वच्छता में नं.-1 बने। उन्होंने यह भी आह्वान किया कि यातायात प्रबंधन के कार्यों में भी लोगों की भागीदारी होना चाहिए।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....