एक पलंग पर तीन बच्चे देख भड़के विधायक, लगाई फटकार, मंत्री को लगाया फोन

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak) उस समय भड़क गए जब कमलाराजा अस्पताल (Kamalaraja Hospital) के चिल्ड्रन वार्ड में उन्होंने बेहाल बच्चों को देखा। हालात ये थे कि एक पलंग पर तीन से पांच बच्चे भर्ती थे और वार्ड में 85 बच्चे भर्ती थे। बच्चों के परिजन इलाज के लिए स्टाफ को तलाशते मिले। विधायक ने जब अस्पताल के आसपास देखा तो उन्हें भारी मात्रा में कचरा और गंदगी दिखाई दी। अस्पताल के हालत और जिम्मेदारों की लापरवाही देखकर विधायक का पारा चढ़ गया। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से लेकर सफाई व्यवस्था संभाल रही कंपनी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और फिर चिकित्सा शिक्षा मंत्री को फोन लगाकर नाराजगी जाहिर की।

कोरोना से जूझ रहे लोगों को इस समय डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों ने घेर रखा है। ऐसे में उत्तरप्रदेश के इटावा की तरफ से आये संक्रामक रोग ने बच्चों को अपनी चपेट में ले रखा है। ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े सरकारी चिल्ड्रन हॉस्पिटल कमलाराजा अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड बीमार बच्चों से भरे हुए हैं। यहाँ हालात बहुत ख़राब हैं।  एक वार्ड में 85 बच्चे भर्ती हैं। पलंग की कमी होने के कारण एक पलंग पर तीन से लेकर पांच बच्चे तक भर्ती हैं।

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ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक पिछले लम्बे अरसे से अस्पताल प्रबंधन से हालातों पर नजर रखने के लिए चेतावनी दे रहे थे लेकिन विधायक की चेतावनी का कितना असर हुआ इसका अंदाजा हालात देखकर लगाया जा सकता है। विधायक पाठक ने आज सोमवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।  उन्हें वहां जो मरीजों के परिजनों ने बताया उसे सुनकर वे भड़क गए।

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विधायक ने कमलाराजा अस्पताल के अधीक्षक सहित जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ और अन्य जिम्मेदार लोगों को वहां बुलवा लिया। उन्होंने वार्ड के हालात दिखाते हुए सवाल किया कि आखिर मरीज के ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल क्या है, बच्चों की देखभाल के लिए यहाँ ना तो नर्सिंग स्टाफ हैं ना डॉक्टर्स। विधायक ने जब वेंटिलेटर के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि 9 वेंटिलेटर में से 5 चालू हैं और 4 ख़राब हैं।  ये सुनकर विधायक ने जिम्मेदारों को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि आपके पास स्टाफ की कमी है संसाधन की कमी है मुझे बताइये।  कहीं लेटर लिखा है तो मुझे दीजिये मैं मुख्यमंत्री जी , सिंधिया जी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री से बात करूंगा। लेकिन अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं करूँगा।

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विधायक ने जब अस्पताल के आसपास का निरीक्षण किया तो उनका माथा और ठनक गया उन्हें वहां भारी मात्रा में गंदगी और कचरा दिखाई दिया।  विधायक ने अपने सामने सफाई करवाई और सफाई व्यवस्था संभाल रही कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर चेतावनी दी कि यदि तुम्हारे पास यहाँ चक्कर लगाने का समय नहीं है तो मैं रोज सुबह शाम चक्कर लगाने शुरू कर देता हूँ फिर तुम देखना क्या होगा ? निरीक्षण के दौरान विधायक प्रवीण पाठक ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बात कर उन्हें हालात की जानकारी दी और नाराजगी जताते हुए इसे सुधारने का निवेदन किया।

एक पलंग पर तीन बच्चे देख भड़के विधायक, लगाई फटकार, मंत्री को लगाया फोन

मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि यहाँ के हालात बताते हैं कि सरकार संक्रामक बीमारियों को लेकर कितनी सजग है। उन्होंने सवाल किया कि यदि प्रदेश की सरकार जनहितैषी सरकार है तो उसे गरीब  बच्चों के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था तो करनी चाहिए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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