अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका महासंघ ने मप्र सरकार के द्वारा घोषित 1500 रु एरियर्स के साथ भुगतान किया जाने। राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से समन्वय कर आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया के नियमों में संशोधन करते हुये मानदेय या मानसेवा की जगह नियमित और सीधी भर्ती की जाने की नियमावली बनाई जाये। जब तक नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन नहीं किया जाता है तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और नि आगनबाड़ी कार्यकतार्ओ के मानेदय, अतिरिक्त मानदेय में केन्द्र से निर्धारित मंहगाई भत्ते को लागू कर भुगतान किया जाये एवं ग्राम से कम 18000/9000 स0 कार्यकर्ता / सहायिका को भुगतान किया जाये 4. सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभाग की ओर से कम से कम 500000/- का स्वास्थ्य बीमा कराया जाये एवं सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं मिनी कार्यकर्ताओं को आयुष्मान योजना की पात्रता में शामिल किया जाये। महिला बाल विकास के अतिरिक्त किसी भी अन्य कार्य में ड्यूटी न लगाई जाये जिससे आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओ द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्णरूप से कर सके और जीवन से जुडी अत्यंत महत्त्वपूर्ण सेवायें प्रभावित न हो और हर गर्भवती शिशुवती और बच्चों को नही देखरेख हो और देश की एक स्वस्थ्य और आदर्श नागरिक प्राप्त हो सके।
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महिला एवं बाल विकास विभाग से प्रत्येक मद में प्राप्त राशि और पोषण खेल स्वास्थ्य सम्बन्धित सभी सामग्री उनके केन्द्रों पर समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाये और विभागीय ऐन पोषण ट्रेकर और सम्पर्क एप को मर्ज करके एक ही ऐप से कार्य कराया जाये, आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिये ज्यादा से ज्यादा भवन उपलब्ध कराये जायें और जो भवन किराये के भवनों में संचालित हो रहे है उनका किराया वर्तमान स्थिति के आधार पर बढ़ाकर प्रदान किया जाये। अन्य विभागों की भांति महिला एवं बालविकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक-एक करके कम से कम 15 दिवस का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाये जैसी मांगे सहित अखिल भारतीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका महासंघ ने 10 वर्ष के अनुभव, शिक्षा और वरिष्ठता के आधार पर पर्यवेक्षक पद पर बिना किसी परीक्षा के सीधी भर्ती की जाये, म.प्र. के बाहर के आवेदन स्वीकार नहीं किये जाये,पूर्णकेन्द्र बनाया जाये और सहायिका की नियुक्ति के उपरांत ही नये केन्द्रों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो और मिनी केन्द्रों को स्वीकृत न करते हुये पूर्ण केन्द्र ही संचालित कराये जाये। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बहने जब तक शासकीय कर्मचारी घोषित नहीं की जाती है तब तक उनका रिटारमेंट नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनके जीवन यापन का यही एकमात्र साधन है और यदि जिनको रिटायरमेंट दिया जा रहा है तो उन सभी को 2018 अप्रैल से माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई राशि म.प्र. आगनवाड़ी कार्यकर्तार्ओ, सहायिकाओं मिनि सहायिकाओं की सेवा निवृत्ति पर उन्हें क्रमश 100000 75000 एवं 75000 रू की राशि प्रदान की जाये जैसी मांगे की गई है।