सीहोर। अनुराग शर्मा।
भीषण जलसंकट से जूझ रहे मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में पीएचई विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सीहोर जिले के एक गाँव बमूलिया में पांच शासकीय बोर हैं लेकिन पीएचई विभाग ने इन बोरों में पानी को निकलने वाली मोटर अब तक नहीं डाली है। पीएचई विभाग की इस लापरवाही का ग्रामीणों ने कई बार विरोध किया लेकिन फिर भी विभाग द्वारा अनसुनी करते हुए उन पर ढक्कन लगा दिया गया। जब भीषण जल संकट के इस दौर में ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है तब भी ढक्कनों से बंद पानी इन बोरों को चालू नहीं किया जा रहा है।
विभाग के इस रवैये का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। मंगलवार को जनसुनवाई में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर ग्रामीणों ने डिप्टी कलेक्टर रवि वर्मा को इस समस्या से अवगत कराया। डिप्टी कलेक्टर रवि वर्मा को अपनी समस्या से अवगत कराते हए अंतरसिंह परमार ने कहा कि गांव घनी आवादी की श्रेणी में आता है। शासकीय 5 बोर है, जिनमें वतज़्मान में भी भरपूर पानी है, परन्तु सम्बंधित पीएचई विभाग द्वारा केवल बोर कराकर उनका मूंह बंद कर छोड़ दिया गया है। उनमें मोटर नही डलवाई गई है। पांचों बोरों में मोटर लगवा कर गांव में नल के लिए डाली गई पाईप लाईन से जोड़े जाने की मांग पिछले साल भी ग्रामीणों ने की थी। वर्तमान में ग्रामीण 5 से 10 किमी. दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया की वर्षों पूर्व पानी की टंकी निर्माण की स्वीकृती शासन द्वारा हो चुकी है,लेकिन अबबतक पानी की टंकी का निर्माण कार्य जारी है। जिस से नलजल योजना का लाभ ग्रमाीणों को नहीं मिल पा रहा है। गांव में बिजली के 5 ट्रांसफारर्मरों है पर बिजली के तार खुले हुए है और लूज अवस्था में हैं, जिसके कारण स्पार्किंग होती है और गांव के बिजली के उपकरण हाई व लो बोल्टेज के कारण जल जाते हैं मवेशियाँ व जानमाल को भी अपनी जान गवांनी पड़ी है। ट्रांसफामरों पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नही है, जिसके कारण गांव की मवेशियाँ उक्त ट्रांसफारमरों की चपेट में आकर करंट लगने से मर जाती है।
ग्रामीणों ने सीइओ जनपद पंचायत, सीहोर को भी समस्या से अवगत कराया है। मांग करने वालों में में समाजसेवी अन्तर सिंह परमार, सुहागमल, बाला प्रसाद, भगवानसिंह, रामगोपाल मीणा, भोपाल सिंह, प्रेमनारायण, प्रभु, सुमेर सिंह, दिनेश, रामस्वरुप, राकेश, निर्मल, लखनलाल दास, देवराज, रोशन, धरम, मनोज, मुकेश आदि शामिल है।