सीहोर/अनुराग शर्मा
साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनी के सैकड़ों उपभोक्ताओं और अभिकर्ता एजेन्टों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर उपभोक्ताओं की खून पसीने की कमाई वापस दिलाने और एजेंटो पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करने की मांग को लेकर डिप्टी कलेक्टर विजय कुमार मंडलोई को ज्ञापन दिया है।
कलेक्टर को उपभोक्ताओं और अभिकर्ताओं ने बताया की भारत सरकार के दिये गये पंजीयन को देखकर इस ग्रुप की कम्पनियों में स्वयं का और अपने रिश्तेदारों परिचितों सहित अन्य लाखों लोगों के करोड़ो रूपयों बचत और लाभ के लिए जमा कर दिए थे। लेकिन निवेश की राशि की परिपक्वता का समय पूरा हुआ तो कम्पनी ने धन वापसी में वित्तीय अनियमितता कर दी। शिकायत पर भारतीय विनिमय एवं प्रतिभूति बोर्ड मुम्बई ने सांई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनी की अलग अलग कम्पनियों को लिखित नोटिस आदेश जारी किया।
उपरोक्त गु्रप की सभी कम्पनियाँ वर्ष 2001 से भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के MCA (मिनिस्ट्री ऑफ कापोर्रशन ) अफेसर्य के तहत आरओसी रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनी एक्ट 1956 के तहत पंजीकृत थी, जो कि भारत सरकार के आधीन है । हम सभी अभिकतार्ओं ने पंजीयन को देखकर इस ग्रुप की कम्पनियों में कार्य किया।
सेबी द्वारा आदेश देकर आर्थिक अपराध शाखा ने इन कम्पनियों की जांच की थी, आर्थिक अपराध शाखा मुम्बई ने कम्पनियों के खिलाफ 2 दिसम्बर 2015 को सीआरपीसी 264 , केस नम्बर 154 दर्ज कर अनुसंधान करते हुये कम्पनी के पूना महाराष्ट्र स्थित मुख्यालय सहितदेश भर में संचालित सभी शाखाओं और चल-अचल सम्पतियों को सील बंद कर कम्पनी के चेयरमेन डायरेक्टर और संचालकों को गिरफ्तार किया था।
साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनीयों द्वारा संचालित समस्त कम्पनीयों की जब्तशुदा समस्त चल व अचल सम्पतियों को बेचकर कम्पनी के निवेशकर्ताओं की जमा पूंजी को शीघ्रत: शीघ्र भुगतान कराया जाने के निर्देश दिए गए थे। बबाजूद इसके अभी तक सेबी और आर्थिक अपराध शाखा मुम्बई द्वारा निवेशकों के भुगतान की कार्रवाई नहीं की गई है । जिस के कारण समस्त अभिकर्ता मानसिक रूप से परेशान होकर ठगा हुआ महसूस कर रहे है । निवेशक घर जाकर लड़ाई झगडे करके अभिकर्ताओं पर दबाव बना रहे है । जिससे अभिकताओ के घर बहुत बड़ी परेशानियों खड़ी हो रही है । कुछ अभिकर्ताओं ने आत्म हत्या तक कर ली है ।
अभिकताओं व निवेशकों में धन वापसी के लिए समय समय पर पक्ष विपक्ष के जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के आला अधिकारियों को ज्ञापन दिया। अभिकर्ताओ सहित निवेशकों को मानसिक परेशानी से मुक्त करने व परेशान लोगों को आत्म हत्या जैसे कदम उठाने से रोकने तथा न्याय दिलाने की मांग की है।