सीहोर ।अनुराग शर्मा। एलआईसी कार्यालय में शुक्रवार को अखिल भारतीय आह्वान पर वेतन पुनर निर्धारण और पेंशन सुधार सहित एलआइसी निजी करण के खिलाफ अधिकारियों कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने 17 मार्च मंगलवार को एक घंटे बहिर्गमन हड़ताल करने का फैसला भी किया।
यूनियन के संयुक्त सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने प्रदर्शन में शामिल अधिकारियों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एलआईसी आज देश का सर्वोत्तम वित्तीय संस्थान है। उन्होने कहा की 2012 के विगत वेतन पुनर निर्धारण के बाद से एलआईसी ने विशाल प्रगति की है तथा कर्मचारियों की उत्पादकता कई गुना बढ़ी है प्रतियोगी परिवेश में एलआईसी ने केवल अपने आधार को बनाए रखा है बल्कि बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि कर स्वयं को श्रेष्ठ सिद्ध भी किया है वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बहुत पहले ही डेढ़ लाख करोड़ रुपयों की नव व्यवसाय प्रीमियम एकत्रित कर एलआईसी ने नया इतिहास रचा है यह ध्यान देने योग्य है कि उस वक्त जब भारत की अर्थव्यवस्था 4.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रही थी तब जनवरी 2020 तक एलआईसी के व्यक्तिगत व्यवसाय को प्रथम वर्षीय प्रीमियम के मध्य में 17.48त्न एवं पाल्सी संख्या के क्षेत्र में 29.42त्न की प्रभावी वृद्धि दर्ज कर ली गई।
श्री गुप्ता ने कहा की यह हम सब के लिए गर्व का विषय है कि एलआईसी की कुल आय 17.79त्न की दर से वृद्धि कर रही है ऐसे प्रशंसनीय प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एलआईसी की वित्तीय ताकत एवं उनकी बड़ी हुई उत्पादकता के आधार पर एक बेहतर वेतन निर्धारण की अपेक्षा पूर्णत: जायज है जबकि हमारा वेतन निर्धारण अगस्त 2017 से ही बड़े लंबे समय से लंबित है इतने लंबे समय के पश्चात भी भारत सरकार व एलआईसी सर्वोच्च प्रबंधन जायज मांगों को पूरा नहीं कर रहा है।
विकास अधिकारी संजय जैन ने कहा कि सरकार का एलआईसी का आईपीओ लाने का कदम बेहद विनाशकारी कदम है सरकार को हमारा वेतन निर्धारण पेंशन सुधार विलंब करने चाहिए एवं देश हित में आईपीओ लाने के निर्णय को तुरंत वापस लेना चाहिए । प्रदर्शन में विजय कुमार राकेश राठौर सुरेंद्र सिंह यादव प्रेम सिंह मीणा गणेश प्रसाद लोकेंद्र हेमलता वशिष्ठ प्रमिला शास्त्री शांति बेक प्रेम बेक अशोक जायसवाल नवाब खान राजेंद्र सिंह सिलवेरियस रामनारायण कैलासिया नितेश अतुलकर केके श्रीवास्तव केसी पहाड़े योगेंद्र दुबे रवि कांत कुमरे बहादुर सिंह पौडवाल रूमाना कुरेशी प्रेम नारायण परमार उमेश कुशवाहा लक्ष्मी नारायण नारायण सिंह प्रजापति प्रमुख रूप से मौजूद थे।