MP उपचुनाव 2020- कंप्यूटर बाबा का बयान, कहा- शिवराज सिंह चौहान जनता के नहीं नोटो के मुख्यमंत्री है

सीहोर, अनुराग शर्मा। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (byelection) को जीतने के लिए राजनैतिक पार्टियां (political parties) ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं प्रदेश में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। चुनाव आयोग (election commission) द्वारा घोषित की गई MP उपचुनाव 2020 (mp byelection 2020) की तरीख के बाद प्रदेश में आचार संहिता लग गई है। वहीं आज कंप्यूटर बाबा (computer baba) लोकतंत्र बचाओं यात्रा (loktantra bachao yatra) के जरिए सीहोर पहुंचे। वहीं मीडिया से मुखातिब होते हुए कंप्यूटर बाबा ने लोकतंत्र बचाओँ यात्रा के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा की मध्यप्रदेश में लोकतंत्र की हत्या (death of democracy) हो रही है। जनता की चुनी हुई सरकार को गद्दारों ने गिरा दिया है। शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh Chouhan) जनता के नहीं नोटो के मुख्यमंत्री (chief minister) है। आने वाले समय में लोकतंत्र की हत्या होगी, जब ये लोग 50 सीट जीतकर 100 खरीदेगे फिर सरकार बनाएगे तो प्रजातंत्र खतरे में आ जायेगा। देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करे। आज लोकतंत्र खतरे में है इसलिए में लोकतंत्र बचाओ यात्रा के माध्यम से जन जागरण के लिए निकला हुं।

आगे कंप्यूटर ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार (shivraj government) आती है तो किसान क्यों आत्महत्या (farmers suicide) करते है ये सोचना वाली बात है। आगे उन्होंने कहा कि किसानों के साथ इस सरकार द्वारा मजाक किया जाता है। जब बीमा देने की बात होती है तो 1,10, 25,50,100 रुपए दिए जाते है, किसान आत्महत्या ही करेगा ना। किसान को बीमा का पैसा नहीं दिया जाना ठीक है पर प्रोपेगेंडा करना गलत है। वहीं आगे उन्होंने कहा कि शिवराज जी जब जनता को अपको चुन्ना होता तो कमलनाथ सरकार को क्यों चुनाव में जीत दिलाती। जब आपको पंद्रह साल दिए गए, तो कमलनाथ सरकार को पांच साल तो देते। कम से कम 5 साल तो देख लेते।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।