सीहोर। शुक्रवार को शहर के जिला अस्पताल स्थित मातृ शिशु सेंटर में सांस लेने की तकलीफ से पीड़ित नौ माह की मासूम बच्ची का इलाज कराने के लिए अस्पताल में पिता चिकित्सकों को खोजता रहा, लेकिन चिकित्सक उसे यहां से वहां जाने को कहते रहे। इस बीच दो घंटे गुजर गए और मासूम ने मां की गोद में ही तड़पते हुए दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. आनंद शर्मा का कहना है कि परिसर में सीसी कैमरे लगे हुए लापरवाही किसी की इसकी जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा। वहीं परिजनों का आरोप है कि समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम बच जाती है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात को लुनियापुरा चौराहा निवासी सहदेव और उसकी पत्नी श्रीमती शिवानी कौशल अपनी नौ माह की बच्ची दिव्यांशी को लेकर जिला अस्पताल स्थित मातृ-शिशु अस्पताल में करीब डेढ़ बजे पहुंचे थे। बच्ची को सर्दी के कारण सांस लेने में तकलीफ थी। भाप देने के बाद बच्ची ठीक हो गई। यहां पर मौजूद स्टाफ ने सुबह बच्ची को लेकर आने को कहा, परिजन सुबह साढ़े नौ बजे बच्ची को लेकर आए तो बच्ची सांस लेने की तकलीफ से पीडि़त थी और तडफ़ रही थी, यहां पर मौजूद स्टाफ ने माता-पिता से कहा कि मैडम के घर पर ले जाओ, वहीं इसका इलाज होगा, लेकिन डॉक्टरों की टालमटोल, मासूम बच्ची ने मां की गोद में ही तोड़ा दम तोड़ दिया। इसके बाद जब परिजनों ने इस बात को लेकर हंगामा किया तो घटना की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. शर्मा पहुंचे इसके बाद परिजन शांत हुए। परिजनों का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता तो नौ माह की मासूम दिव्यांशी बच जाती।