Sehore News: चार दिन पहले नगर पालिका परिषद् सीहोर घूसखोरी के मामले में पूरे मध्य प्रदेश में चर्चाओं में आ गई थी। एक शिकायतकर्ता के अनुसार भवन अनुज्ञा अनुमति के लिए नपा एई रमेश वर्मा द्वारा उससे एक लाख रुपए की मांग की थी, जिस पर उसने लोकायुक्त एसपी से शिकायत की, जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की।
यहाँ खास बात ये है कि लोकायुक्त टीम द्वारा घूसखोरी की कार्रवाई के बावजूद भी सीहोर नपा, एई अपने पद पर बने हुए हैं उन पर विभाग मेहरबान है, रिश्वत जैसे एक्शन के बाद भी एई पर निलंबन की कार्रवाई नहीं हुई है जिसकी चर्चा जिलेभर में है। इस मामले में सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित का कहना है कि हमने मामले से शासन को अवगत करा दिया है, जो आदेश आएगा उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।
मकान बनाने की परमिशन के बदले 1 लाख रुपये मांगे जाने के आरोप
गौरतलब है कि शहर के लुनिया चौराहा के पास रहने वाले शिकायतकर्ता सुरेश दांगी अपने प्लॉट पर मकान बना रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार उसके पास प्लाट की रजिस्ट्री, डायवर्जन सहित अन्य दस्तावेज मौजूद हैं। बावजूद मकान परमिशन के लिए उससे ऐई वर्मा द्वारा एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत उसने भोपाल लोकायुक्त एसपी से थी।
सहयोगी को दिलवाए थे 20 हजार रुपये, लोकायुक्त ने लिया था एक्शन
लोकायुक्त टीम ने शिकायत की पड़ताल करने के बाद 11 नवम्बर को कार्रवाई की थी। लोकायुक्त टीम ने शिकायतकर्ता सुरेश दांगी को 20 हजार रुपए के नोट दिए, जिसे सुरेश दांगी ने एई के कैबिन के बाहर किसी व्यक्ति को दिए। रुपए लेकर वह व्यक्ति झोले में रखकर चलता बना। यह सब माजरा लोकायुक्त टीम ने देखा और टीम सीधे एई वर्मा के कैबिन में जा पहुंची और उन्केखिलाफ़ एक्शन लिया।
सीएमओ का तर्क हमें शासन को अवगत करा दिया
जब इस मालमे में सीहोर नगर पालिका के सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित से बात की तो उन्होंने बताया कि लोकायुक्त की कार्रवाई के संबंध में हमने शासन को अवगत करा दिया है, शासन से जो निर्देश आएगा उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। फिलहाल एई रमेश वर्मा को निलंबित नहीं किया गया है।
सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट