कोरोना के अवसाद भरे दौर में पढ़िये शुभम नानू की उम्मीद भरी कविता

सीहोर/अनुराग शर्मा

कोरोना संकटकाल ने सारी दुनिया को एक ऐसे दौर में ला दिया हैै, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। ऐसे समय में शासन-प्रशासन, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी सहित कई ऐसे लोग हैैं जो अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता की सेवा कर रहे हैं। वहीं ऐसे समय में कलाकाल, रचनाधर्मी और साहित्यकार भी अपनी कला व शब्दों के माध्यम से समय को दर्ज कर रहे हैं। आईये आज ऐसी ही एक कविता पढ़ते हैं जो लिखी है शुभम नानू ने-


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