सीहोर।अनुराग शर्मा।
कहते है ना जहां चाह वहां राह, इसी कहावत को शहर के कुछ युवाओं ने देखते ही देखते चरितार्थ कर दिया। खेतो में दवा छिडकने के कृषि यंत्र और कबाड से जुगाड लगाकर युवाओं ने कोरोना के वायरस से लडने का अचूक हथियार बना डाला है।फसलो में कीटनासक का छिडकाव करने वाला पंप अब अब कोरोना के वायरस से लडने का एक मजबूत हथियार बन गया है। देश में जहा लाखो की लागत से बनने वाली इस मशीन को शहर के चंद युवाओं ने अपनी दिमाग की ताकत से कोरोना वायरस को हराने का हथियार बना डाला है।
बस दिमाग लगाया और बना दिया हथियार
शहर के गुलजारी का बगीजा के रहने वाले रजत शाह, कुनाल वर्मा, गौरव वर्मा, श्लोक राठौर, धेर्य सेन ने यह कारनामा कर दिखाया है। उन्होने बताया कि घातक बीमारी को रोकने के लिए अभी तक कोई भी दवा नहीं बन सकी है। लेकिन इसकी रोकथाम नियमित सेनेटाइज करने से इसे फैलने से रोका जा सकता है। बस यही सोच कर सेनेटाइज मशीन बनाने का आयडिया युवाओं के दिमाग में आ गया।
महज तीन सेकंड में हो जाएगें सेनेटाइज
युवाओं ने जो मशीन बनाई है वह पूरी तरह सैंसर से संचालित होती है। मशीन को बनाने के लिए इन युवाओं ने बेनर पोस्टर की फ्रेम से जुगाड कर दरवाजे का आकार दिया है। वही खेतो में दवा छिडकाव करने वाले यंत्र को सेंसर से जोड दिया है। सेंसर के संपर्क में आते ही यह मशीनस्वत ही चालु हो जाती है, और महज तीन सैकेंड में सेनेटाइज का छिडकाव कर बंद भी हो जाती है।
अब प्रोत्साहन मिले तो बने बात
युवाओं का कहना है कि मशीन बनाने का उद्देश्य लोगो को कोरोना जैसी महामारी से बचाना है। इस के लिए मशीन को बडे स्तर पर बनाने का सपना युवाओं का है, रजत शाह का कहना है कि अगर इस के लिर प्रशासन सहयोग करे तो जल्द ही इस माडल को बडे स्तर पर भी बना सकते है।
एलकोहल और नीम का मिश्रण
सेनेटाइज बनाने के लिए इन युवाओं ने एथाइल एलकोहल के उपयोग के साथ नीम के घोल का भी मिश्रण किया है, उन्होने बताया कि इस सेनेटाइज से कोरोना के संक्रमण को तो खत्म किया ही जा सकता है, इसी के साथ ही अगर अन्य किटाणु और जिवाणु को भी नीम के घोल के कारण नष्ट किया जा सकता है।