जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से गेहूं की फसलों के उत्पादन में गिरावट की आशंका, किसानों की चिंता बढ़ी
सीहोर जिले के शरबती गेहूं की देश के कई हिस्सों में डिमांड रहती है. मगर अचानक मौसम में हुए परिवर्तन से फसल की पैदावार और इसकी सोने जैसी चमक के साथ क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है।
Sehore News : अपने स्वादिष्ट और सोने जैसे सुनहरे शरबती गेहूं को लेकर पूरे देश में विशिष्ट पहचान रखने वाले मध्यप्रदेश में किसानों की चिंता बढ़ गई है। यह चिंता मौसम की मार को लेकर है। सीहोर जिले में मौसम के बदलते तेवर ओर जलवायु परिवर्तन के चलते सीहोर के शरबती गेहूं की चमक अब फीकी होने के साथ-साथ वहीं दाना छोटा होने के आसार बनने लगे है फरवरी में ही तापमान के बढ़ने के कारण शरबती गेहूं की फसल पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
शरबती गेहूं खो सकता है अपनी चमक
दुनिया भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं पर अब मौसम का असर साफ-साफ देखा जा सकता है गेहूं की बाली छोटी और पतली रहने की संभावना के साथ-साथ शरबती गेहूं अपनी चमक भी खो सकता है।
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यह है मुख्य वजह
एक ओर जहां शरबती गेहूं का रकबा धीरे-धीरे सिकुड़ता जा रहा है कृषि उपज मंडी में टोटल आवक का सिर्फ 1 प्रतिशत ही शरबती गेहूं की अवाक रह गई है किसानों ने शरबती गेहूं की जगह गेहूं की अन्य वैरायटी बोना शरू कर दी है इसके पीछे बार-बार होने वाले जलवायु परिवर्तन को मुख्य वजह मानी जा रही है मौसम के तापमान में अंतर के साथ पाला ,ओला, ओर अचानक शीत लहर के साथ-साथ बेमौसम तापमान में वृद्धि माना जा रहा है।
सीहोर से अनुराग शर्मा की रिपोर्ट