सीहोर, अनुराग शर्मा। Sehore News सरकारी दफ्तर हो या फिर सरकारी अस्पताल आम इंसान इसलिए भी अपने जरूरी काम या इलाज यहां नहीं करवाते हैं, क्योंकि आए दिन इनकी पोल खुलती नजर आती रहती है। एक बार फिर से एक ऐसा ही मामला प्रदेश के सीहोर जिले में देखने को मिला। सरकारी स्वास्थ्य विभाग की पोल उस समय खुल गई जब सीहोर के जिला अस्पताल में एक मरीज को गंभीर बीमारी के चलते भोपाल रेफर किया लेकिन 108 वाहन में इस मरीज की शिफ्टिंग के बाद भी एक घण्टे तक मरीज को गाड़ी का इंतजार करना पड़ा।
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जी हां खबर है कि सोशल मीडिया में मरीज के परिजनों द्वारा वायरल वीडियो से स्वास्थ्य विभाग की एक गंभीर खामी उजागर हुई। दरअसल एक ग्रामीण मरीज को गंभीर बीमारी के चलते सीहोर के जिला अस्पताल से जब भोपाल के लिए रेफर किया गया तब मरीज के परिजनों ने उसे सरकारी एम्बूलेंस में भी शिफ्ट कर दिया। जिसके बाद चालक द्वारा बताया गया कि एंबूलेंस में कुछ तकनीकी गडबड़ी आ गई है। इसलिए इसे धक्का लगाना पड़ेगा।
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थके-हारे व परेशान परिजनों ने आस-पास की लोगों की मदद से एंबूलेंस में धक्का भी लगाया लेकिन वह चल न सकी। एक घण्टें कि मशक्कत के बाद भी जब वह चल न सकी तो फिर मरीज को दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया और बमुश्किल मरीज जैसे-तैसे भोपाल पहुंच ही गया।
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लेकिन इस मरीज के साथ ऐसी स्थिति से ये तो पता चल गया कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के भरोसे जंग नहीं जीती जा सकती। इस स्थिति ने साफतौर पर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी। अहम बात तो यह है कि इसका वीडियो सोशल मीडिया में उजागर होने के बाद भी कोई भी अधिकारी इस पर जवाब देने को तैयार नहीं।