सीहोर। एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में खाद का संकट गहराया हुआ है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी खाद की पूर्ति के लिए सिर्फ मांग पत्र भेजकर इतिश्री कर लेते हैं। सोसाइटी पर जो यूरिया खाद की बोरी 265 रुपए में मिलती है, वही खाद निजी दुकानों पर 450 रुपए में खरीदने के लिए किसानों की लाइन की लगती है।
दरअसल 2 दिन पहले कलेक्टर को फोन पर शिकायत मिली थी कि मंडी में यूरिया से भरे लोडिंग वाहन एक गोदाम के बाहर खड़े हैं। सूचना के बाद एसडीएम और डीडीए ने गोदाम सील कर दिया। 2 दिन बीतने के बाद भी अब तक खाद से भरे लोडिंग वाहन थाने के बाहर खड़े हैं, जबकि कृषि विभाग के संचालक का कहना है कि हमने रिकॉर्ड चेक कर लिया है, रिकॉर्ड सही है। अब सोचने वाली बात यह है कि जब रिकार्ड सही है, तो खाद से भरे इन वाहनों को छोड़ा क्यों नहीं गया और अगर रिकॉर्ड सही नहीं मिला तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वहीं गोदाम सील करने वाले एसडीएम का कहना है कि मामले में जो भी अपडेट है, वह डीडीए ही बता सकते हैं। बता दें कि कलेक्टर अजय गुप्ता के निर्देश के बाद एसडीएम आदित्य जैन और डीडीए एस एस राजपूत ने गोदाम सील किया था। जिले में आए दिन किसान खाद को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। जिला मुख्यालय पर भी किसान संगठन और भाजपा कार्यकर्ताओं ने खाद की कालाबाजारी रोकने और किसानों को उचित दामों पर खाद उपलब्ध कराने के लिए ज्ञापन भी दी है।
इनका कहना है:
सूचना मिली थी कि खाद से भरी गाडिय़ों गोदाम के बाहर खड़ी है। रिकॉर्ड चेक करने के लिए गोदाम सील किया था। रिकॉर्ड का सत्यापन कृषि विभाग को करना है।
आदित्य जैन, एसडीएम सीहोर
नहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली हमें रिकॉर्ड का मिलान कर लिया है सब ठीक है
एसएस राजपूत, डीडीए सीहोर
रिपोर्ट बुलाई है मामला क्लियर हो जाएगा। मेरे नॉलेज में मामला आया है मामले की जांच के लिए एडीएम को भेजा गया था मैंने रिपोर्ट बुलाई है दोपहर तक हकीकत सामने आ जाएगी।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर