Mahashivratri 2023: सिवनी में 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा हुई स्थापित, भक्तों की उमड़ी भीड़

Sanjucta Pandit
Published on -

Mahashivratri 2023 : आज पूरे देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। लोग भगवान शिव की आराधना में लीन नजर आ रहे हैं। डीजे की धून सुनाई दे रही है। इसी कड़ी में सिवनी जिले में 8 किलोमीटर दूर तिघरा के समीपस्थ गांव धतुरिया में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की गई है जो कि 51 फीट विशाल है। जिससे जिलेवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसे में आज सुबह से ही श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं और धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बन रहे हैं।

Mahashivratri 2023: सिवनी में 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा हुई स्थापित, भक्तों की उमड़ी भीड़

ग्रामीणों की इच्छा…

इस प्रतिमा के विषय में ग्रामीणों का कहना है कि उनकी काफी दिनों से इच्छा थी कि यहां शिव की मुर्ति स्थापित हो। इस दौरान यहां पर त्रिशूल की भी स्थापना की गई। वहीं, आज भक्तगण शिव की विधि- विधान से पूजा कर रहे हैं। जहां जिलेभर के लोग पहुंच रहे हैं। बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि व्रत का पारण का शुभ मुहूर्त 19 फरवरी को सुबह 06 बजकर 57 मिनट से शाम03 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना करने पर शिव भक्तों की सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। महाशिवरात्रि पर शिवभक्त दिनभर व्रत रखते हुए शिव मंदिरों में शिवलिंग पर भगवान शिव की प्रिय चीजें भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र, गंगाजल और दूध-दही अर्पित करते हैं।

Mahashivratri 2023: सिवनी में 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा हुई स्थापित, भक्तों की उमड़ी भीड़

शिव और पार्वती का विवाह

पौराणिक मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्यागकर गृहस्थ जीवन अपनाया था। एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। भगवान शिव की पूजा-उपासना चार प्रहर में करने कि मान्यता है। चार प्रहर की पूजा करने से व्यक्ति जीवन के सभी पापों से मुक्त हो जाता है। धर्म, अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। चार पहर की पूजा संध्याकाल यानि प्रदोषवेला से शुरू होकर अगले दिन ब्रह्ममुहूर्त तक की जाती है। पहले प्रहर में दूध से शिव के ईशान स्वरूप को, दूसरे प्रहर में दही से अघोर स्वरूप को, तीसरे प्रहर में घी से वामदेव रूप को और चौथे प्रहर में शहद से सद्योजात स्वरूप को अभिषेक कर पूजन करें। महाशिवरात्रि की रात महासिद्धिदायिनी है इसलिए इस महारात्रि में की गई पूजा-अर्चना विशेष पुण्य प्रदान करती है। अगर कोई शिवभक्त चार बार पूजन और अभिषेक न कर सके और पहले प्रहर में एक बार ही पूजन कर लें तो भी उसको कष्टों से मुक्ति मिलती है।

MahaShivratri 2023

ऐसे करें शिव की पूजा

श्रद्धा भाव से महाशिवरात्रि का व्रत सात्विक रहते हुए विधिपूर्वक रखकर शिवपूजन, शिवकथा, शिवचालीसा, शिवस्रोंतों का पाठ और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करते हुए रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ के समान फलों की प्राप्ति होती है। व्रत के दूसरे दिन पुनः प्रातः शिवलिंग पर जलाभिषेक कर ब्राह्मणों को यथाशक्ति दक्षिणा आदि दें।

Mahashivratri 2023: सिवनी में 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा हुई स्थापित, भक्तों की उमड़ी भीड़


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News