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Sat, Dec 20, 2025

एक घंटे में 14 किलो ड्राई फ्रूट खा गए शहडोल कलेक्टर समेत अधिकारी, पंचायत के बिल से हुआ खुलासा

Written by:Ronak Namdev
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शहडोल की भदवाही पंचायत में जल गंगा संवर्धन अभियान की चौपाल में अफसरों की आवभगत में 19 हजार रुपये से ज्यादा उड़ा दिए गए। काजू, बादाम, किशमिश, घी और शक्कर वाली चाय ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं । जानिए आखिर यह पूरा मामला क्या है।
एक घंटे में 14 किलो ड्राई फ्रूट खा गए शहडोल कलेक्टर समेत अधिकारी, पंचायत के बिल से हुआ खुलासा

मध्य प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर सरकार गंभीर दिख रही है, खासकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान की पहल शुरू की है। जबकि ज़मीनी स्तर पर यह नेक पहल अफसरों के लिए आवभगत की योजना बनती दिख रही है।दरअसल शहडोल जिले के गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भदवाही में हुई जल चौपाल में अफसरों की खातिरदारी ने पूरे अभियान की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दरअसल जहां गांव के लोग सूखे कुएं और तालाब की शिकायत लेकर पहुंचे थे, वहीं अफसरों की टेबल पर काजू-बादाम, किशमिश और शक्कर वाली मलाईदार चाय परोसी जा रही थी। अब इस आवभगत ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।

14 किलो सूखे मेवे और 6 लीटर दूध की चाय

बता दें कि ग्राम पंचायत के रजिस्टर में दर्ज खर्चे चौंकाने वाले हैं। 5 किलो काजू, 5 किलो बादाम, 3 किलो किशमिश, 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट, 6 लीटर दूध, 5 किलो शक्कर और 2 किलो घी चाय में उपयोग होने का दावा किया गया है। वहीं इन सब पर कुल ₹19,010 का खर्च बताया गया है। इसके साथ ही एक और बिल ₹5,260 का लगाया गया है जिसमें ‘विशेष घी’ का जिक्र है। अब सवाल ये उठता है कि जल संरक्षण की चौपाल में आखिर अफसरों की थाली में इतनी तगड़ी दावत की जरूरत क्यों पड़ी? क्या जल बचाने की नसीहत देने पहुंचे लोग खुद खर्चे बचाना ही भूल गए थे?

अब उठ रहे गंभीर सवाल

दरअसल अब इस मामले के सामने आने के बाद जिला पंचायत प्रभारी CEO मुद्रिका सिंह ने सफाई दी है कि कार्यक्रम में चाय-नाश्ते की व्यवस्था जरूर की गई थी लेकिन काजू-बादाम जैसे महंगे आइटम्स के बिल उनके संज्ञान में पहली बार आए हैं और मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं, तब अफसरों की आवभगत में सूखे मेवे उड़ाना जनता के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।

राहुल सिंह राणा, शहडोल