NO to Jeans : शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा ने छात्रों को सलाह दी है कि वे जींस पहनना बंद करें। उन्होंने जींस को पानी का अपव्यय करने वाला और गैर भारतीय परिधान बताया है। इसी के साथ उन्होंने छात्रों को धोती जैसे भारतीय परिधान पहनने की सलाह दी है। उन्होने कहा कि ‘जींस हमारा कपड़ा नहीं है।’
‘जींस मूल रूप से भारतीय परिधान है ही नहीं और ना ही इसे भारतीय मौसम के अनुरूप पाया गया है। इतना ही नहीं..जींस धोने में पानी का बहुत ज्यादा अपव्यय भी होता है और वह बहुत झंझट का काम भी है’ ये कहना है शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा का। कमिश्नर साहब सोमवार को शहडोल में आइसेक्ट द्वारा अति पिछड़ी जनजाति वर्ग के छात्रों से रूबरू थे। यहां वे कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाण पत्र वितरित कर रहे थे। इस दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होने छात्रों को सलाह दी कि वे भारतीय परंपरा के अनुसार परिधान धारण करें।शर्मा ने धोती का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत में अलग-अलग प्रकार के धोतियां प्रचलन में रही है जिसे स्त्री पुरुष दोनों पहन सकते हैं। ये न केवल भारतीय संस्कृति का परिचायक है बल्कि इससे काफी सहूलियत और आराम भी रहता है।