शााजापुर, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी जागृति मंच द्वारा काव्य संध्या का आयोजन किया गया। मंच के अध्यक्ष महेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि एक ही लक्ष्य अकादमी सभागार में आयोजित काव्य संध्या में नगर के वरिष्ठ साहित्यकारों सहित नवोदित लेखकों व कवियों ने स्वरचित कविताएं सुनाई।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मंच के आजीवन संरक्षक साहित्य रत्न प्रख्यात साहित्यकार पंडित लीलाधर जी बंधु को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता प्रख्यात कथावाचक श्याम मनावत ने की। गोष्ठी में कथावाचक पण्डित श्याम स्वरूप मनावत ने कहा कि भाषा की महत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भाषा न केवल हमारे भावों के आदान प्रदान करने का माध्यम है बल्कि यह हमारे संस्कारों को भी बताती है। मनावत ने अपने उद्बोधन में विलुप्त हो चुकी हिंदी गिनती की पर भी चिंता जताई।
इस गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार कैलाश परमार ने हाइकू की कविताएं सुनाईं। कवयित्री अपूर्वा सोनी ने कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में हजारों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने वालों मजदूरों पर मार्मिक कविता सुनाईं। वहीं साक्षी जैन ने ‘बच्चों की पुकार’ कविता सुनाकर एक पल के लिये सबको बचपन की सैर करा दी। साहित्यकार डॉ मंगलेश जायसवाल ने हिंदी भाषा पर कविता सुनाते हुए हिंदी में योगदान देने वाले विद्वानों को याद किया। प्रिया नेमा ने मंच के द्वारा समय-समय पर हिंदी को लेकर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सराहना की। कवियित्री सीमा शर्मा ने महिलाओं से लेखन के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सुनील शर्मा, हरिओम परमार, सुनील मेवाड़ा, राकेश गोस्वामी, अनिल शर्मा, पुष्पेंद्र भदौरिया, सोहन दीक्षित सहित मंच के अन्य कवि मौजूद रहे। काव्य गोष्ठी का संचालन वरिष्ठ कवि हुकुम सिंह देशप्रेमी ने किया। स्वागत भाषण विनोद परमार ने एवं आभार मंच के प्रचार-प्रसार प्रमुख संदीप गेहलोत ने माना।