श्योपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले (Sheopur District) की रघुनाथपुर उप तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार शिवराज मीणा की ग्वालियर के निजी अस्पताल (Private Hospital) मे इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि उनकी मृत्यु डेंगू (Dengue) से हुई है हालांकि डॉक्टरों ने इस बारे में अभी जांच करने की बात कही है।
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श्योपुर जिले में पदस्थ शिवराज मीणा (Shivraj Meena) रघुनाथपुर उप तहसील में नायब तहसीलदार थे और मुरैना के सबलगढ़ के पास के रहने वाले थे। दो दिन पहले जब भी दिवाली मनाने के लिए अपने घर गए उसके बाद उन्हें बुखार आया और हालत तेजी के साथ बिगड़ने लगी। इस पर उन्हें ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उनके प्लेटलेट्स लगातार कम होते चले गए। हालत यह हो गई कि उनके केवल 17000 प्लेटलेट्स रह गए और अंत में डॉक्टर उन्हें बचाने के तमाम उपाय करते रहे लेकिन सभी नाकाम साबित हुए।शिवराज मीणा की मौत ने एक बार फिर इलाके में डेंगू संक्रमण रोकने में स्वास्थ्य विभाग की नाकामी को उजागर किया है।
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दरअसल अकेले श्योपुर जिले में अब तक 200 के करीब डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 5 लोगों की मौत की खबर है। हालांकि प्रशासन ने किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और शिवराज मीना के बारे में भी कहा जा रहा है कि जांच के बाद यह बताया जा सकेगा कि उनकी मृत्यु का कारण क्या है। जबकि परिजन साफ तौर पर कह रहे हैं कि डॉक्टरों ने उनका इलाज ही यह कहकर किया था कि उन को डेंगू हो गया है। देशभर में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग (MP Health Department) या संबंधित अमला इसे रोकने में पूरी तरह से असफल साबित हो रहे हैं।