MP News : लोकायुक्त का शिकंजा, पटवारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

Pooja Khodani
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श्योपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले (Sheopur district) में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त ने एक पटवारी (Patwari) को रिश्वत लेते हुए रंगहाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पटवारी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पांच हजार की रिश्वत मांग रहा था। यह कार्रवाई ग्वालियर लोकायुक्त (Gwalior Lokayukta) द्वारा की गई है।लोकायुक्त टीम को देखकर पटवारी ने भागने की कोशिश की, लेकिन भाग नहीं पाया और टीम ने उसे वही दबोच लिया।

मिली जानकारी के अनुसार, श्योपुर जिले के कराहल तहसील की है। यहां बांसेड़ हाल लक्ष्मीपुरा पिपरघार पोहरी निवासी  शिशुपाल आदिवासी (Shishupala Adivasi) अपनी बेटी के लिए जाति प्रमाणपत्र बनवाले बांसेड़ ग्राम कुराचोर के पटवारी सुशीलसिंह तोमर के पास पहुंचा था। इसके लिए पटवारी ने शिशुपाल से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी, इसके बाद 7 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। इसकी शिकायत 30 सितंबर को शिशुपाल ने ग्वालियर लोकायुक्त से की और सारा घटनाक्रम कह सुनाया। लोकायुक्त ने उन्हें टेप रिकॉर्डर दिया और 1 अक्टूबर को तोमर को 2 हजार रुपये दिए और उनकी रिकॉर्डिंग की। बाकी 5 हजार रुपये प्रमाणपत्र मिलने पर देना तय हुआ।इसी बीच D Ed में प्रवेश की तारीख निकल गई, जिसके चलते उसी बेटी प्रवेश ना ले सकी।

रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 5 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कर ली। इसके बाद शिशुपाल ने 2 हजार पटवारी को दे दिए और शेष 5 हजार रुपए 12 अक्टूबर को देने की बात तय हुई, इसलिए सोमवार को टीआई राघवेंद्र ऋषिश्वर के नेतृत्व में लोकायुक्त की 11 सदस्यीय टीम पहले ही कराहल तहसील कार्यालय में पहुंच गई। इसके बाद शिशुपाल तहसील कार्यालय पहुंचा, जहां उसने पटवारी सुशील तोमर को जेब से निकालकर 5 हजार रुपए दिए। पटवारी तोमर ने उन रुपयों को जैसे ही हाथ में लिया, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे पकड़ लिया।

बता दे कि श्योपुर जिले में चार दिन के भीतर लोकायुक्त पुलिस की यह दूसरी कार्रवाई है। इसके पहले लोकायुक्त पुलिस ने श्योपुर की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पास आय से अधिक संपत्ति पकड़ने की कार्रवाई की थी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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