Cheetah In MP : मादा चीता सासा के लिए पूजा, भजन और आराधना, जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना

Atul Saxena
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Cheetah In MP : कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों को आकर्षित कर रही मादा चीता “सासा” बीमार हो गई है, खबर है कि वो पिछले दिनों डिहाइड्रेशन से जूझ रही है। नेशनल पार्क के डॉक्टर्स उसका इलाज कर रहे हैं जिससे उसे लाभ भी है और उसकी हालत में सुधार भी दिखाई दे रहा है लेकिन उधर नेशनल पार्क के बाहर श्योपुर के लोगों में मंदिर में “सासा”  के लिए भजन, पूजन शुरू कर दिया है जिससे वो जल्दी स्वस्थ हो जाये।

कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park Sheopur MP) की शान चीता सासा के बीमार होने के बाद कूनो नेशनल पार्क से लेकर वन विहार भोपाल तक के चिकित्सक उसपर नजर बनाये हुए हैं, उधर जैसे ही चीता के बीमार होने की खबर नेशनल पार्क के बाहर निकली उससे सटे आदिवासी क्षेत्र कराहल के लोगों को चिंता हुई और उन्होंने भजन पूजन शुरू कर दिया।

Cheetah In MP : मादा चीता सासा के लिए पूजा, भजन और आराधना, जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना

कराहल के क्षेत्रवासी मंदिर पर इकठ्ठा हुए और उन्होंने चीता की फोटो के साथ उसकी पूजा की, भगवान से उसके ठीक होने की प्रार्थना की। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हम प्रार्थना कर रहे हैं कि बीमार चीता जल्दी से ठीक हो जाये जिससे यहाँ और आने वाले चीतों के आने पर कोई नकारात्मक असर ना हो, चीता परियोजना अच्छे से चलती रहे।

Cheetah In MP : मादा चीता सासा के लिए पूजा, भजन और आराधना, जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना

आपको बता दें कि पिछले साल 17 सितम्बर को नामीबिया से आठ चीतों को लेकर एक विशेष विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचा था, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी निगरानी में सभी चीतों को विमान से सेना के हेलीकाप्टर में कूनो नेशनल पार्क श्योपुर शिफ्ट कराया था । जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितम्बर को ही कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था और भारत में चीता परियोजना की शुरुआत की थी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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