Sheopur News: 3 घंटे तक तड़पती रही प्रसूता, नहीं पहुंची एंबुलेंस, ई-रिक्शा में हुई डिलीवरी

Pooja Khodani
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श्योपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले (Sheopur District) में एक बार फिर मनावता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है।यहां 3 घंटे तक एक प्रसूता एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पती रही और फिर इंतजाम करके जैसे ही ई-रिक्शा से अस्पताल के लिए निकली इससे पहले ही ई रिक्शा में उसने बच्चे को जन्म दे दिया है। राहत की बात ये है कि बच्चा और मां दोनों सुरक्षित और स्वस्थ्य है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठा दिए है।

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यह मामला श्योपुर जिले के विजयपुर नगर के चौक का है।यहां दोर्द गांव में रहने वाले राजपाल यादव की पत्नी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई तो उन्होंने 108 एंबूलेंस को बुलाने के लिए फोन किया, लेकिन 3 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी एंबूलेंस प्रसूता को लेने के लिए नहीं पहुंची। जब पत्नी को ज्यादा पीड़ा होने लगी तो राजपाल यादव ने ई-रिक्शा का इंतजाम किया और ई रिक्शा में पत्नी को लिटा कर अस्पताल ले जाने लगा, लेकिन जैसे ही ई-रिक्शा प्रसूता को लेकर विजयपुर सिविल अस्पताल पहुंचा तो यहां अस्पताल परिसर में ही प्रसूता ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया।

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जैसे ही इस घटना के बाद में स्वास्थ्यकर्मियों, ड़ॉक्टरों और प्रबंधन को पता चला पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया।आनन फानन  प्रसूता को बच्चे समेत प्रसव वार्ड में भर्ती करवाया गया और जांच की गई। राहत की बात ये रही कि दोनों की स्थिति सामान्य है। इस मामले में सीएमएचओ डॉ बीएल यादव का कहना है कि इस बात की जांच करेंगे कि आखिर जननी एक्सप्रेस प्रसूता को लेने के लिए क्यों नहीं पहुंची। हैरानी की बात ये है कि दो दिन पहले ही भिंड जिले के निसार गांव में महिला को प्रसव पीड़ा होने और समय पर एंबुलेंस ना पहुंचने पर परिजन उसे लोडिंग गाड़ी में लिटाकर लहार अस्पताल पहुंचा थे, लेकिन  इसके पहले ही प्रसूता और उसके बच्चे की मौत हो गई थी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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