Sheopur News : रेत माफिया की दबंगई तहसीलदार की गाड़ी पर किया पत्थरों से हमला

श्योपुर, डेस्क रिपोर्ट । मध्यप्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले इस तरह बुलंद है कि उन्हें ना तो शासन का डर बचा है ना ही प्रशासन का। सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान लगातार रेत माफियाओं पर लगाम कसने की बात कहते रहें हैं। पर इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट रूप से मालूम होता है कि रेत माफिया खुद को मुख्यमंत्री और सरकार दोनों से ऊपर मानते हैं।

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चाहे बात हो ग्वालियर जिले की या भिंड जिले की सभी जगह अवैध रेत का धंधा पूरे चरम पर चल रहा है। इन जिलों में घटनाओं के बाद ताजा मामला सामने आया है श्योपुर जिले का, जहां अवैध रेत को पकड़ने गए तहसीलदार की गाड़ी पर रेत माफियाओं ने पत्थर से हमला कर दिया और गाड़ी को नुकसान पहुंचाया। तहसीलदार और उनके अन्य साथी जैसे तैसे अपनी जान बचाकर वहां से भागे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।