Lokayukta Raid : भ्रष्ट पटवारी रंगे हाथ गिरफ्तार, कृषि भूमि का नामांतरण करने के बदले मांगी रिश्वत

Atul Saxena
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Lokayukta Raid :  ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रिश्वत लेते हुए एक पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, आरोपी पटवारी ने आवेदक से कृषि भूमि के नामांतरण के बदले 3,000/- रुपये की रिश्वत मांगी थी, पुलिस ने आरोपी को उसके ही घर से रिश्वत लेते पकड़ा है।

ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस एसपी रामेश्वर यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवपुरी जिले के ग्राम बिजरोनी तहसील बदरवास निवासी परमाल सिंह यादव ने उनके कार्यालय में एक शिकायती आवेदन दिया था जिसमें पटवारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की गई थी।

भाई ने निधन के बाद उसकी कृषि भूमि का नामांतरण करने के बदले मांगी रिश्वत 

शिकायती आवेदन में कहा गया कि आवेदक परमाल सिंह ने अपने स्वर्गीय भाई की कृषि भूमि के नामान्तरण के लिए तहसील बदरवास जिला शिवपुरी के हल्का नंबर 123 बिजरोनी में आवेदन दिया था , हल्का पटवारी अवधेश कुमार शर्मा ने इसके बदले उनसे 3,000/- रुपये की रिश्वत की मांग की।

लोकायुक्त ने रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण मिलते ही ट्रेप की प्लानिंग बनाई 

शिकायत के बाद ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने इसके सत्यता की जाँच की, आवेदक को एक टेप रिकॉर्डर देकर आरोपी पटवारी से बात कराई और रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होते ही ट्रेप की प्लानिंग की, आरोपी ने आवेदक को रिश्वत की राशि के साथ अपने घर पर ही बुलाया था।

आरोपी पटवारी ने घर पर बुलाकर ली रिश्वत की राशि 

निर्धारित समय पर आज आवेदक परमाल सिंह आरोपी पटवारी अवधेश कुमार कुमार शर्मा के घर घुरवार रोड वार्ड न. 6 बदरवास जिला शिवपुरी पहुंचा, यहाँ पटवारी  करतार सिंह जाट निवासी ग्राम मगरौरा के मकान में किराये से रहता है, पटवारी ने आवेदक को अन्दर वाले कमरे में बुलाया और रिश्वत की राशि मांगी।

लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारकर रिश्वत की राशि के साथ किया गिरफ्तार 

आवेदक परमल सिंह ने पटवारी अवधेश कुमार शर्मा को जैसे ही रिश्वत की राशि 3000 /- रुपये दी बाहर पहले से तैयार लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर की टीम ने छापा मारकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया, पुलिस ने उससे रिश्वत की राशि बरामद कर ली , जब आरोपी पटवारी के हाथ लोकायुक्त टीम ने धुलवाए तो वे गुलाबी हो गए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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