Shivpuri News : बिना बैंक जाए कहते से निकल गए 1 लाख 15 हजार रुपए, जाँच में जुटी पुलिस

पीडित ने पुलिस को बैंक, स्टेटमेंट, बैंक में पूर्व में की गई शिकायत एवं सीसीटीव्ही फुटेज की पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई जिससे उसके साथ हुई ठगी का मामला जल्द से जल्द सुलझ सके।

Amit Sengar
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Gwalior News

Shivpuri News : बैंक खातों से ऑनलाइन सायबर ठगी के दौर में अब ऑफलाइन ठगी के मामले भी सामने निकल कर आ रहे हैं जिसमें खाता धारक के बिना बैंक शाखा में जाए ही उसके खाते से लाखों रूपए का निकल गए और खाताधारक को इस बात का मालूमात तब होता है जब वह बैंक शाखा में पासबुक में एंट्री कराने जाता है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी से आ रहा है जहां सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में एक महिला ग्राहक के खाते से फर्जी तरीके से फर्जी पासबुक तैयार कर व्हाउचर भरकर 1 लाख 15 हजार रूपए अलग अलग तिथियों में निकाल लिए गए। पीडित महिला ने इस मामले की शिकायत कोतवाली थाने में की है।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के मुताबिक खाताधारक कुसुम धाकड पत्नि अमरसिंह धाकड निवासी कान्हाकुंज कॉलोनी शिवपुरी ने बताया कि उसका शिवपुरी एमएम अस्पताल के समीप सेन्ट्रल बैंक शिवपुरी में बैंक खाता है जिसका क्रमांक 3156283386 है प्रार्थी के खाते से किसी अज्ञात महिला को दिनांक 19 जुलाई 2024 को रकम 50 हजार दिनांक 21 जुलाई को 50 हजार एवं 26 को 15 हजार रूपए अज्ञात महिला को भुगतान कर दिया। तीन बार खाते से निकली गई इस राशि का पीड़िता को तो तब ज्ञात हुआ जब उसने अपने खाते में बैलेंस चैक करने 19 जुलाई 2024 को पहुंची और पीड़िता ने घर के खर्च हेतु पच्चीस हजार रूपए निकाले तो उसके खाते में एकाएक बैलेंस कम दिखा।

पीड़िता ने जब एक लाख पंद्रह हजार रूपए निकाले जाने के संबंध में बैंक कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि यह रूपए आपने ही अपने खाते से निकाले होंगे। जबकि पीड़िता का कहना है कि जिन तारीख में यह राशि बैंक से निकली में उन तारीखों में बैंक गई ही नहीं। 21 जून को तो में अपने गांव भद्धाभावडी में थी और 22 तक वहां रूकी क्योंकि वहां हमारे परिवार में धार्मिक कार्यक्रम था। मैंने जब अपने परिजनों को बुलाया और बैंक के सीसीटीवी कैमरा एवं वाउचर चैक करवाए तो पता चला कि मेरे स्थान पर बैंक ने किसी अन्य महिला को पैसे का भुगतान कर दिया, और पैसे आहरण संबंधित जो वाउचर पर्ची हैं उन पर मेरे हस्ताक्षर भी नहीं हैं फिर भी बैंक प्रबंधन ने किस प्रकार मेरे खाते से यह पैसे निकाल दिए। मैंने जब इस संबंध में बैंक कर्मचारियों को कई बार बोला लेकिन बैंक कर्मचारियों ने कुछ दिन पहले तो पैसे लौटाने की सहमति दे दी और बैंक कैशियर ने कहा मेरी नौकरी चली जाएगी। मैं आपके पैसे की व्यवस्था करवा देती हूं लेकिन अभी तक कोई पैसा मुझे वापस नहीं मिला। जबकि मेरे खाते से एक लाख पंद्रह हजार रूपए बैंक प्रबंधन ने किसी अन्य को सांठगांठ कर भुगतान कर दिया। पीडित ने पुलिस को बैंक, स्टेटमेंट, बैंक में पूर्व में की गई शिकायत एवं सीसीटीव्ही फुटेज की पेन ड्राइव भी उपलब्ध कराई जिससे उसके साथ हुई ठगी का मामला जल्द से जल्द सुलझ सके।

शिवपुरी से शिवम पांडेय की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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