जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया 22 जनवरी को शिवपुरी पहुंचे थे। इस दौरान कुछ भाजपाइयों ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार पर मुरुम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। शिकायत के साथ ही पीड़ित पक्ष ने मंत्री को कुछ वीडियो भी सौंपे थे, शिकायत और वीडियो मिलने के बाद प्रभारी मंत्री ने महिला तहसीलदार को निलंबित करने के मौखिक निर्देश दिए थे, लेकिन जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया।
तहसीलदार का मोबाईल STATUS हुआ था वायरल
प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के तहसीलदार को निलंबित करने के आदेश के कुछ देर बाद ही तहसीलदार का एक स्टेटस चर्चा में आ गया था, कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार का सोशल मीडिया पर स्टेटस वायरल हुआ था जिसमें उसने लिखा था ‘सतर्क हो जाओ अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं, जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं’।
परेशान थे स्थानीय लोग
बताया जा रहा है कि महिला तहसीलदार का यह कोई पहला मामला नहीं था इससे पहले भी वह लोगों को परेशान करती थी कि उसके पद के चलते लोग शिकायत नहीं करते थी, लेकिन यह मामला सामने आने के बाद शिवपुरी पहुंचे प्रभारी मंत्री ने शिकायत मिलते ही तहसीलदार को निलंबित करने की घोषणा की, लेकिन फिलहाल जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने 25 जनवरी को कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार के लिए आदेश जारी करते हुए उसे कलेक्ट्रेट कार्यालय में पेंडिंग पड़े भू-अभिलेख कार्यों को निपटाने के लिए कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया है। फिलहाल मंत्री के आदेश के बावजूद कलेक्ट्रेट में अटैच ज्योति की शिकायत स्थानीय लोगों ने प्रभारी मंत्री से करने का फैसला लिया है।
तहसीलदार ने मांगी थी 30 हजार रिश्वत
कोलारस में खरई रोड पर रहने वाले विक्रम राजावत ने 21 जनवरी को कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार पर मुरम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। विक्रम ने इस मामले में पेट्रोल पंप सहित बाजार के CCTV फुटेज भी उपलब्ध कराए थे, जिसमें तहसीलदार का वाहन और मुरुम से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली दोनों दिखाई दे रहे थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत कोलारस एसडीएम सहित बीजेपी नेता हरिओम रघुवंशी से की थी। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था।