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Wed, Dec 17, 2025

कल निकलेगी श्री महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी, पांच स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे भगवान

Written by:Rishabh Namdev
Published:
सोमवार, 11 अगस्त को श्री महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी निकलेगी। भगवान महाकाल कल भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी शाम 4:00 बजे मंदिर प्रांगण से निकलेगी। भगवान पांच स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।
कल निकलेगी श्री महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी, पांच स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे भगवान

कल, सोमवार 11 अगस्त को श्री महाकालेश्वर भगवान की पांचवीं सवारी निकलेगी। सवारी शाम 4:00 बजे मंदिर प्रांगण से निकलेगी। भगवान महाकाल सवारी में भक्तों को पांच स्वरूप में दर्शन देंगे। कल निकलने वाली इस भव्य सवारी की तैयारी कर ली गई है। महाकाल की सवारी में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, जैसे कि कल सोमवार को भी भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उमड़ सकते हैं।

सवारी निकलने से पहले मंदिर के सभा मंडप में भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन किया जाएगा। पालकी में श्री चंद्रमोलेश्वर भगवान भक्तों को दर्शन देंगे, जबकि हाथी पर श्री मनमहेश को भक्त निहार सकेंगे। इसके साथ ही, करोड़ रथ पर श्री शिव तांडव, नंदी रथ पर श्री उमा महेश और ढोल रथ पर श्री होलकर स्टेट के मुखारविंद शामिल रहेंगे।

जानिए सवारी का मार्ग

वहीं, महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान को सलामी देंगे। हर बार की तरह महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से ही निकलेगी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार और कहारवाड़ी से होकर सवारी रामघाट तक पहुंचेगी। जैसे ही रामघाट पर सवारी पहुंचेगी, घाट पर नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। अभिषेक-पूजन के बाद सवारी रामानुज कोट मोड़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, हाथी का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी।

क्या कुछ रहेगा ख़ास?

भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी बेहद खास होने वाली है। दरअसल, सवारी के साथ मध्य प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी देखने को मिलेंगी। इन झांकियों में मां शारदा शक्तिपीठ मैहर, राजारामलोक ओरछा, मां बगलामुखी माता मंदिर और देवी लोक मां श्री बिजासन माता धाम सलकनपुर की झांकियां शामिल रहेंगी। इसके साथ ही, सवारी में चार जनजातीय कलाकारों के दल भी प्रस्तुति देंगे। इनमें बैतूल से गोंद जनजातीय तात्या नृत्य, खजुराहो से कछिया लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडोरी से गेड़ी जनजाति नृत्य की प्रस्तुतियां होंगी।