पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा पत्र, कहा- भाजपा को सबक सिखाने का आ गया समय

सीधी, पंकज सिंह। MP उपचुनाव 2020 की तारीखें आने के साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह(Former Leader of Opposition Ajay Singh) ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं(Congress workers) को पत्र लिखकर कांग्रेस प्रत्याशियों(Congress candidates) को ज्यादा से ज्यादा मतों से जिताने के लिए जुट जाने का आग्रह किया है| उन्होंने लिखा है कि अब भाजपा(bjp) को सबक सिखाने का समय आ गया है| मध्यप्रदेश से पूरे देश में यह संदेश जाना चाहिए कि लोभी विधायकों द्वारा दलबदल कर जबरन उपचुनाव थोपने की परिपाटी को जनता ने सिरे से नकार दिया है| जैसा मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में हुआ वैसा पूरे देश में दोबारा न हो, वरना सरकार गिराने का खेल और सौदेबाजी की राजनीति पूरे देश को बर्बाद कर देगी।

अजयसिंह ने लिखा है कि हम सभी एक कसौटी पर खड़े हैं। कोरोना हाहाकार(Corona havoc) के चलते प्रदेश में ऐसा राजनीतिक संकट(political crisis)  सामने है, जब हमारी परीक्षा की घड़ी है। आप सभी ने मेहनत कर कांग्रेस की सरकार(Congress Government) बनाई थी। कांग्रेस विधायकों की संख्या 55 से बढ़कर 114 हो गई थी। आपने जिस प्रकार शिवराज सरकार(shivraj government) के काले कारनामों को बेनकाब किया था, उसका परिणाम हमें कांग्रेस की जीत के रूप में मिला था। आपने उस चुनाव में धनबल, छलकपट, गुंडागर्दी, बेईमानी और अनैतिकता के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया था, उसी संघर्ष की जरूरत अब फिर से सामने है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।