सिंगरौली नगर निगम में 1 करोड़ का नया घोटाला, बिना ई-टेंडरिंग चहेते ठेकेदारों को भुगतान, नियमों की धज्जियां उड़ा दी गयी!

सिंगरौली नगर निगम में चार साल पुराना 1 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। जहां बिना ई-टेंडरिंग के अपने ही चहेते ठेकेदारों को पेमेंट का मामला सामने आया है। हालांकि मामले की जांच शुरू कर दी गई है अब सख्त कार्रवाई की जा सकती है

सिंगरौली नगर निगम में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। चार साल पहले तत्कालीन आयुक्त आरपी सिंह के समय करीब 1 करोड़ रुपये बिना ई-टेंडरिंग के चहेते ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। ईई व्हीपी उपाध्याय ने 10 से ज्यादा कामों के लिए न तो ई-टेंडरिंग की और न ही अखबार में नोटिस छापा।

ऑफलाइन तरीके से चुनिंदा ठेकेदारों को काम सौंपा गया और भुगतान भी कर दिया गया। मध्य प्रदेश नगर पालिका वित्त नियम 2018 के मुताबिक, 1 लाख से ऊपर के कामों के लिए ई-टेंडरिंग जरूरी है, लेकिन नियमों की अनदेखी कर 94 लाख रुपये का पेमेंट हो गया। इस मामले को पार्षद अनिल वैस ने निगम परिषद में उठाया। इसके बाद कमिश्नर दयाकिशन शर्मा ने जांच टीम बनाई है। उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उस समय के शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, साथ ही रिकवरी भी होगी। ये घोटाला निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, जहां नियमों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया।

कैसे हुआ ये घोटाला?

घोटाले की शुरुआत तब हुई जब ईई व्हीपी उपाध्याय ने बिना प्रॉपर प्रक्रिया के 10 कामों का ऑर्डर दिया। इनमें सड़क मरम्मत, नालियों की सफाई और पार्क डेवलपमेंट जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल थे। नियम कहता है कि हर काम के लिए पारदर्शिता के लिए ई-टेंडरिंग और पब्लिक नोटिस जरूरी है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया। ऑफलाइन डीलिंग से चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। 2017-18 के रिकॉर्ड्स में 94 लाख रुपये के बिल्स पास हुए, जो बिना किसी जांच के चुकाए गए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये सुनियोजित साजिश थी, जिसमें कई अधिकारी शामिल हो सकते हैं। जांच से सच्चाई सामने आएगी, लेकिन निगम की साख को ठेस पहुंच चुकी है।

क्या बोले – अनिल कुमार वैश्य कांग्रेस पार्षद

देखिए, जब हम लोग पार्षद बने, करीब 2022 में, तो सभी पार्षदों के बीच यह सहमति बनी थी कि वहां की सुंदरता के लिए हर जगह जो पुराने जमाने के बल्ब लगे थे, उन्हें हटाकर आधुनिक युग के हिसाब से एलईडी लाइट लगाई जाएंगी। तो हम लोगों ने फाइल तैयार की और एक-एक एलईडी की खरीदी 3,53,500 रुपए की थी। उसमें बताया गया था कि इस एलईडी लाइट पर 2 साल की वारंटी है। साथ ही, इसमें कुछ कंपनियों के नाम भी दिए गए थे जो अच्छी-अच्छी ब्रांड्स थीं।

लेकिन लाइट लगने के दो से तीन महीने बाद ही लाइट फ्यूज होना शुरू हो गई और लगातार कमिश्नर महोदय और नगर निगम के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के गोस्वामी साहब को भी बताया गया। उन्हें बार-बार बोला गया और उन्होंने कहा कि लाइट वारंटी में है, उसे ठेकेदार रिप्लेस करेगा और दूसरी लगाएगा, लेकिन आज तक 2 सालों में किसी ने कुछ नहीं किया। उल्टा, जो पुराने जमाने के बल्ब लगे थे, वही बल्ब उनकी जगह पर लगा दिए जा रहे हैं। इस एलईडी लाइट के अंदर लगभग 2 करोड़ का घोटाला किया गया है।

क्या बोले – दयाकिशन शर्मा नगर पालिक निगम कमिश्नर

जांच रिपोर्ट आ गई है, उसमें कलेक्टर साहब द्वारा भी जांच की जा रही है। इसमें जो टेंडरिंग हुई है, वह ई-टेंडरिंग के माध्यम से हुई है। इसमें प्रारंभिक तौर पर जो स्थिति सामने आई है, वह नियमों के विरुद्ध कार्य किए गए हैं। उसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। कार्रवाई के लिए जो भी अधिकारी उसमें शामिल हैं, उन पर कार्यवाही की जाएगी। इसमें मूलतः कार्यपालन व्यक्ति जो थे, ट्रेसिंग की गई है और चार-पांच व्यक्ति भी हैं जो रिटायर हो गए हैं। उनके ऊपर शासन के आदेश अनुसार हमारा निवेदन किया गया है कि कार्रवाई की जाए।

जांच और सजा, क्या होगा नतीजा?

कमिश्नर दयाकिशन शर्मा की अगुआई में बनी जांच टीम हर पहलू को खंगालेगी। टीम पुराने रिकॉर्ड्स, बिल्स और ठेकेदारों के कांट्रैक्ट्स चेक करेगी। अगर दोषी पाए गए, तो मध्य प्रदेश लोकायुक्त एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। नियमों के मुताबिक, भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों से रिकवरी और जेल की सजा भी हो सकती है। पार्षद अनिल वैस ने मांग की है कि इसकी रिपोर्ट 15 दिन में पेश की जाए। सिंगरौली के लोग अब निगम से जवाब मांग रहे हैं कि आखिर इतने बड़े घोटाले पर पहले कार्रवाई क्यों नहीं हुई। अगर जांच सख्त रही, तो कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।


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Ronak Namdev

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मैं रौनक नामदेव, एक लेखक जो अपनी कलम से विचारों को साकार करता है। मुझे लगता है कि शब्दों में वो जादू है जो समाज को बदल सकता है, और यही मेरा मकसद है - सही बात को सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना। मैंने अपनी शिक्षा DCA, BCA और MCA मे पुर्ण की है, तो तकनीक मेरा आधार है और लेखन मेरा जुनून हैं । मेरे लिए हर कहानी, हर विचार एक मौका है दुनिया को कुछ नया देने का ।

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