सिंगरौली//राघवेन्द्र सिंह गहरवार। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है इस बात से इंकार नही किया जा सकता।यह बात जिला प्रशासन भी जानता है लेकिन आलम यह है कि आज तक कभी लापरवाही पर कार्यवाही होती नजर नही आती। आपको बता दे कि 10 दिन के नवजात बच्चे को BCG व OPV -O का टीका नही लग पाया।
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वही परिजनों ने बताया कि वो शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार टिका लगवाने गए थे लेकिन वहाँ मौजूद नर्सो ने कहा कि टिका लगाना हमारा काम नही। ये काम ANM का है, वही जब इस मामले में परिजन खुटार BMO से बात की तो उन्होंने ने भी टिका के मामले में यह कहकर अपना पलड़ा झाड़ लिए की हमारे यहाँ मंगलवार को टिका लगता है यैसे में एक सवाल यह है कि क्या CHC खुटार अस्पताल में इमरजेंसी में इलाज आम जनता को नही मिलना चाहिये।वही जब इसकी शिकायत नवजात के परिजनो के द्वारा जिला कलेक्टर सिंगरौली से की गई तो उसके बाद प्रभारी CMHO के द्वारा ट्रामा में टिका लगवाने के लिए कहा गया।उसके बाद परिजन ट्रामा में 4 दिन से जा रहे हैं हर बार एक ही बात बोला जाता है कि सुबह आइयेगा।एक बच्चे के लिए BCG का डोज नही खुलेगा।यैसे में आम जनता का एक सवाल सामने आता है कि क्या अगर किसी को इमरजेंसी या टीकाकरण करवाने का अंतिम समय हो तो क्या उस नवजात को टिका लगना चाहिए या नही।
वही यह मामला जिला कलेक्टर महोदय के संज्ञान में आने के बाद नवजात को ट्रामा सेंटर में टिकाकरण करवाने का निर्देश दिया गया लेकिन जिला कलेक्टर के निर्देश को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अनसुना कर दिया।जिस जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिला कलेक्टर के निर्देश की अवहेलना कर देते हो वहाँ आम जनता को सरकारी अस्पताल में इलाज कैसे मिलता होगा आप समझ ही चुके होंगे।वही मजबूर होकर परिजन आखिरकार 4 दिन सरकारी अस्पताल के चक्कर काटने के बाद प्राइवेट अस्पताल की तरफ रुख करना पड़ा और फिर प्राइवेट अस्पताल में जाकर 10 दिन के नवजात को पैसे से टिका की खरीदारी कर टिका लगवाया गया।वैसे भी जिला सिंगरौली के स्वास्थ्य विभाग आये दिन चर्चाओं में रहता है