एक बार फिर सिंगरौली की सड़कें बेगुनाह के खून से हुई लाल,बेलगाम तेज रफ्तार ट्रेलर ने फिर बुझाया एक घर का चिराग

Gaurav Sharma
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सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार

जिला जिसे अब मौत की नगरी कहा जाने लगा है,  आये दिन किसी न किसी बेगुनाह के खून से यहां की सड़कें लाल होती रहती है, एक बार फिर बेलगाम तेज रफ्तार की ट्रेलर ने एक घर का चिराग बुझा दिया है। बता दें कि सिंगरौली जिले के गोरबी चौकी अंतर्गत महदईया में ट्रेलर चालक ने मोटरसाइकिल सवार राजेन्द्र शाह पिता रामकेवल शाह निवासी रमपुरवा थाना बरगवां जो कि किसी काम से गोरबी की तरफ जा रहा था उसे ठोकर मार दी। बेलगाम तेज रफ्तार की ट्रेलर MP 66 H 1807 ने मोटरसाइकिल सवार को ठोकर मारदी जिससे बाइक सवार की घटना स्थल पर मौत हो गई,घटना के बाद जनता में भारी आक्रोश दिखाई दिया वही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच जनता को समझाइस देते हुए हालात पर काबू पाया।

एम पी ब्रेकिंग न्यूज ने लगातार सिंगरौली जिले में आये दिन बेगुनाहों के खून से लाल हो रही खबरों पर आवाज उठाई है कि आखिर कब तक बेगुनाहों को सिंगरौली की खूनी सड़को पर ट्रेलर हाइवा से कीड़े मकोड़े की तरफ रौंदा जायेगा। वही हालही में हमने यातायात पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था, क्योंकि यातायात पुलिस जो कि अपने माजन मोड़ कार्यालय के बाहर रोजना चेकिंग लगाकर आम जनता और छोटे वाहन चालकों को परेशान कर वसूली तो करते हैं। लेकिन अगर बात बेलगाम तेज रफ्तार में चलने वाले ट्रेलर,हाइवा और ट्रक की चेकिंग करने की हो तो यातायात पुलिस के पसीने छूटने लगते है।

वही सूत्रों के मुताबिक बड़ी गाड़ियों का महीने का चढ़ोत्तरी बंधा रहता है जिसके कारण यातायात पुलिस बेगुनाहों को सड़क पर अपने टायरों के नीचे कुचलने वाले ट्रेलर,हाइवा और ट्रक पर कार्रवाई नही करना चाहती। अभी हालही में माजन मोड़ चौराहे पर यातायात पुलिस की वसूली का वीडियो वायरल हुआ था, जिसे एम पी ब्रेकिंग न्यूज ने प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद वसूली करने वाले यातायात पुलिस के उस जवान को सिंगरौली पुलिस अधीक्षक के द्वारा तत्काल लाइन अटैच कर दिया गया था, लेकिन अब भी यातायात पुलिस पर सिर्फ एक ही सवाल खड़ा होता है कि ट्रेलर,हाइवा और ट्रक जैसे बड़े गाड़ियों के प्रति यातायात पुलिस की सहानुभूति का कारण क्या है?


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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