बता दे कि बुधवार शाम ग्राम फुलझर से होकर भेजी जा रही गिट्टी के दो डंपरों को ग्राम में आरोपियों द्वारा रोककर डंपर चालकों से बीते दिनों गुम हुए मोबाइल व सिम की बात पर विवाद हो गया था। जिसके बाद क्रेशर मालिक प्रेम अग्रवाल के मुंशी नर्मदा प्रसाद पनिका द्वारा इसकी सूचना गोरबी चौकी में दी गई थी। जिसपर चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक शिवेंद्र सिंह द्वारा आरक्षक कयामुद्दीन अंसारी को चौकी में लगी एनसीएल के अनुबंधित बोलेरो क्रमांक एमपी 66 टी 1586 से प्राइवेट ड्राइवर सूरज उर्फ दीपेंद्र बैस के साथ ग्राम फुलझर भेजा गया था। जहां शराब के नशे में धुत मोहन अगरिया, उसके भाई लाले अगरिया, बहन शांति अगरिया एवं लड़की सविता अगरिया ने वाहन पर पथराव कर जान से मारने के उद्देश्य वाहन में आग लगा दी थी। जिसके बाद से ही वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
घटना की जानकारी मिलते ही मोरवा निरीक्षक मनीष त्रिपाठी सदल बल पहुंचकर स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। देर शाम सूचना मिलने पर ग्राम फूलझर पहुंचे पुलिस अधीक्षक टी के विद्यार्थी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ के लिए निर्देशित किया था। जिसके बाद एसडीओपी नीरज नामदेव के मार्गदर्शन में मोरवा निरीक्षक मनीष त्रिपाठी द्वारा चारों के विरुद्ध अपराध क्रमांक 205/20 धारा 307, 435, 353, 186, 34 भादवी दर्ज कर अलग अलग टीम गठित कर दिन रात आरोपियों की धरपकड़ के लिए संभावित ठिकाने दुल्लापाथर, जगमोरवा, खनहना एवं ग्राम फुलझर समेत आसपास के जंगलों में सघन जांच अभियान चला रही थी।
तीन गिरफ्तार एक फरार
घटना को अंजाम देने के बाद से ही फरार चल रहे आरोपियों में से मोहन अगरिया पिता रामप्रसाद अगरिया उम्र 48 वर्ष, शांति अगरिया पति जयप्रकाश अगरिया उम्र 28 वर्ष एवं सविता अगरिया पति रोशन अगरिया निवासीगण फुलझर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं इस मामले में लाले अगरिया अभी भी फरार है जिसके लिए पुलिस की टीमें संभावित इलाकों में छापेमारी कर रही है।
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी मोरवा मनीष त्रिपाठी,चौकी प्रभारी गोरबी उपनिरीक्षक संदीप नामदेव, सहायक उपनिरीक्षक सतीश दीक्षित, सुरेश सिंह, प्रधान आरक्षक सुरेंद्र सिंह, अरुण सिंह, आरक्षक अनूप सिंह, अनूप मिश्रा, अशोक, त्रिवेणी तिवारी, प्रतीक की सराहनीय भूमिका रही।