MP के इन शहरों की हवा है सबसे प्रदूषित, प्रदूषण से घुट रहा दम

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 दर्ज किया गया। यह इंडेक्स औसत माना जा रहा है। मोरवा, जयंत व निगाही सहित अन्य क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स इससे भी कहीं अधिक माना जा रहा है।

Amit Sengar
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MP News : दीपावली के बाद देश के कई शहरों की हवा बहुत खराब हो गई है। प्रदूषण के कारण आमजन को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है। कई शहरों की हवा तो जनलेवा साबित हो रही है। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली का है। जहाँ आप खुलकर साँस नहीं ले सकते हैं। क्योंकि प्रदूषण के प्रमुख कारणों को नियंत्रित करने की असफलता और वायु में बढ़ती नमी के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 पहुंच गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के सबसे प्रदूषित 5 शहरों में सिंगरौली पहले स्थान पर रहा।

जिले के मोरवा, गोरबी, जयंत, निगाही, बरगवां व दुद्धिचुआ के अलावा सरई व गजराबहरा क्षेत्र में सर्वाधिक प्रदूषण देखा जा रहा है। जिले में बढ़ता वायु प्रदूषण आसमान में छाए धुंध के रूप में स्पष्ट देखने को मिल रहा है। पिछले एक सप्ताह से जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) लगातार 250 से अधिक है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सिंगरौली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 दर्ज किया गया। यह इंडेक्स औसत माना जा रहा है। मोरवा, जयंत व निगाही सहित अन्य क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स इससे भी कहीं अधिक माना जा रहा है।

100 एक्यूआई तक ठीक स्थिति

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम है तो उसे संतोषजनक माना जाता है। एक्यूआई 100 से 200 तक होने पर सांस लेने में आमजन असहज महसूस करने लगते हैं। अगर एक्यूआई 200 से अधिक है तब इसे वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति माना जाता है। इस हवा में दमा व एलर्जी के मरीज बीमार हो जाते हैं। एक्यूआई 301 से अधिक होता है तो वह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है।

वायु प्रदूषण की ये है प्रमुख वजह

जिले व आसपास के क्षेत्र में विद्युत उत्पादक कंपनियों की 20 चिमनियां 24 घंटे जहरीला धुआं उगलती हैं। साथ ही चार हजार से अधिक वाहन पूरे समय कोयला परिवहन करते हैं। वायु प्रदूषण की यही प्रमुख वजह है। प्रदूषण को कम करने के लिए चिमनियों में एफजीडी (फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन) सिस्टम लगाने का निर्देश है। अभी ज्यादातर कंपनियों में कार्य जारी होने का हवाला दिया जा रहा है। गौरतलब है कि जिले में एनटीपीसी विंध्यनगर की छह, एनटीपीसी सिंगरौली शक्तिनगर की चार, हिंडालकों की छह, रिलायंस में तीन व महान एनर्जेन पॉवर में एक चिमनी प्रदूषण का कारण बन रही है।

एक नजर में बड़े शहरों का प्रदूषण

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सिंगरौली सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा। वहीं बड़े शहरों की बात करें तो दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 351, चंडीगढ़ में 333, सिंगरौली में 301 व भोपाल का 275 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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