सिंगरौली : 5 दिन बाद मिला युवक का शव, संदिग्ध मौत बनी जांच का विषय

Gaurav Sharma
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dead body found after 5 days in singrauli

सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। सिंगरौली जिले के विन्ध्यनगर एनटीपीसी की विन्ध्याचल इकाई के स्टेज -4 में कार्यरत संविदाकर्मी का शव छठवें दिन विन्ध्याचल इकाई के स्टेज-2 के कूलिंग टावर की नाली से बरामद किया गया ।वहीं लगातार पांच दिन तक शव को तलाशने के बाद निराश हुये पश्चिम बंगाल कोलकाता खोजी दल को आज स्टेज – 2 में संदिग्ध परिस्थितियों में शव की बरामदगी करने में सफलता हासिल हुई।

मृतक संविदाकर्मी अजीत दुबे पिता- राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय उम्र 28 वर्ष निवासी- नेमना बीजपुर सोनभद्र (उ.प्र.) हाल निवास हर्रई स्टेज-4 में फायर एण्ड सेफ्टी में रीडिंग डाटा फीडिंग करता था और जिस दिन अचानक 11:00 बजे रात वह गायब हुआ उस दिन से उसकी गुमशुदी को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म था और शव के बरामद होने के बाद उसकी मौत को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया । बहरहाल सिंगरौली के एनटीपीसी प्रबंधन पर मृतक के परिजन सवाल दाग रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस जाँच के उपरान्त किस नतीजे पर पहुंचती है। क्योकि सिंगरौली की जनता अजीत दुबे के साथ इंसाफ हो यह इन्तजार रहेगा।

अजीत दुबे की मौत मे संविदाकार भी संदेह के घेरे में

मे. स्टार इलेक्ट्रिकल्स के तहत काम कर रहे मृतक अजीत दुबे की मौत के सिलसिले में संविदाकार की गतिविधियां भी जांच का विषय है और वही बताते हैं कि उक्त संविदाकार के तहत 36 संविदाकर्मी काम करते थे।  लेबर लॉ बताता है कि हर 12 संविदाकर्मी पर एक सुपरवाइजर रखना जरूरी होता है जहां पर 36 संविदाकर्मियों पर तीन सुपरवाईजर होने चाहिए थे, वहां एक भी सुपरवाईजर का नाम सामने नहीं आया है। यह सवाल उठ रहा है कि किसके आदेश या सलाह से संविदाकार ने सुपरवाइजरों की नियुक्ति नहीं की है और सुपरवाइजरो के गैर मौजूदगी में भी अजीत दुबे की मौत होना चर्चा का विषय बना हुआ है।

सिंगरौली : 5 दिन बाद मिला युवक का शव, संदिग्ध मौत बनी जांच का विषय

बताते तो यह भी हैं कि स्टेज – 4 से लेकर स्टेज -2 तक जो कैनाल है, वहां इस तरह की रेलिंग बनायी गयी है कि कोई भी आदमी आसानी से फिसलकर नहीं गिर सकता या तो स्वत: कैनाल में छलांग लगाये या उसे बल पूर्वक पानी में फेंका जाय, दोनों ही स्थितियों को लेकर चर्चा गर्मा गर्म है। मृतक संविदाकर्मी के परिजन बताते हैं कि वह कभी भी गमछा का प्रयोग नहीं करता था।

लेकिन शव के साथ उसके हाथ और मुंह पर गमछा होना भी जांच का विषय है और मृतक के सिरपर भी चोट के निशान हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुये परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं और उच्चस्तरीय जाँच करवाने की माँग करते हुये न्याय की गुहार लगायी है ।

सिंगरौली : 5 दिन बाद मिला युवक का शव, संदिग्ध मौत बनी जांच का विषय

स्टेज -4 में कैमरे खराब,शक के दायरे में एनटीपीसी प्रबंधन

अजीत दुबे की मौत के बाद जो बातें छनकर बाहर आ रही हैं उससे प्रबंधन की लापरवाही भी उजागर हो रही है। बताया जा रहा है कि स्टेज -4 में एक दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं जो कि तकरीबन खराब हैं और नहीं तो स्टेज – 4 में कार्यरत संविदाकर्मी के मूवमेंट को देखा जा सकता था। स्टेज – 4 का कर्मी स्टेज -2 के कूलिंग के टावर की नाली तक कैसे पहुंचा यह भी जाँच का विषय बना हुआ है।

फिलहाल जानकारी के मुताबिक अंतिम संस्कार लिये मिले एक लाख रुपये मृतक अजीत दुबे का शव मिलने के बाद परिजनों को त्वरित राहत देते हुये एनटीपीसी प्रबंधन व स्टार इलेक्ट्रिकल द्वारा मृतक की अंत्येष्टी के लिए एक लाख रूपये तत्काल दिये गये। साथ ही नियमानुसार पीएम रिपोर्ट आने के बाद कंपनसेशन इंश्योरेंस क्लेम राशि दिये जाने की बात कही गयी।

घंटो मचा रहा बवाल

मृतक का शव सुबह 9:00 बजे बरामद हुआ जिसके बाद लगभग 10:00 बजे तक थाना विन्ध्यनगर के पास परिजनों और आम जनों का जमावड़ा जुट गया और एनटीपीसी गेट पर जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया। एनटपीसी प्रबंधन व जिला प्रशासन द्वारा परिजनों से सुबह 11:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक कई बार बातचीत हुयी और वही लगभग शाम 4:00 बजे दूसरे रास्ते से शव को पीएम हाउस तक पहुंचाया गया ।

बैढन पीएम हाउस के पास जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी पटेल अपने वाहन में बैठकर एसी चालू करके मोबाइल देख रहे थे तभी भाजपा युवा नेता संदीप अपने समर्थकों के साथ विरोध करते हुये कहा कि जिले के सभी अधिकारी दुखित बेला जमीन पर कार्य कर रहे हैं। आप एसी बंद गाड़ी में बैठकर मोबाइल देख रहे है यह कहां की मानवता है । इतने में सीएमएचओ वापस जाओ के नारे लगे तभी आनन-फानन में सीएसपी- देवेश पाठक, कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक- अरुण पाण्डेय ने मोर्चा संभालते हुए शांत कराया गया जहां पर सीएमएचओ श्री पटेल वापस चले गये ।

मौके पर मौजूद अधिकारी

सम्पूर्ण घटनाक्रम के दौरान सिंगरौली एसडीएम – ऋषि पवार,  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक- अनिल सोनकर, डिप्टी कलेक्टर, संपदा सर्राफ, एसपी मिश्रा, तहसीलदार- जितेन्द्र वर्मा, सीएसपी- देवेश पाठक, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, टीआई बैढन- अरूण पाण्डेय, मोरवा टीआई- मनीष त्रिपाठी, विन्ध्यनगर टीआई- राघवेन्द्र द्विवेदी, बरगवां टीआई- नागेन्द्र प्रताप सिंह चौकी प्रभारी जयन्त महेंद्र सिंह सहित कई थानों के पुलिस बल व एफएसएल टीम के साथ – साथ पक्ष – विपक्ष राजनैतिक दलों के नेता पदाधिकारी व आमजन मौजूद रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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