Singrauli News : कोयले में मिलावट का खेल ने एकबार फिर जोर पकड़ लिया है। कोयले में भस्सी और चारकोल मिलाकर इस धंधे से जुड़े माफिया करोड़ो में खेल रहे हैं वहीं कंपनियों को इसमें करोड़ो की चपत लग रही है और पावर प्लांट इन मिलावटी कोयले का उपयोग कर क्रैश कर रहे हैं। जिससे विद्युत उत्पादन भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस पूरे गोरखधंधे में सफेदपोशों और माफियाओं का गठजोड़ सुर्खियों में है। कुछ दिनों पूर्व लगातार शिकायत पर जांच हुयी परन्तु जिम्मेदारों पर कार्यवाही न होने से उनके हौसले और बढ़ गये हैं। सूत्र कहते हैं कुछ दिनों पूर्व बड़ी मात्रा में कोयले की भी जप्ती हुई परन्तु उसका कोई मालिक नहीं मिला। इस पूरे गोरखधंधे में यदि सही से जांच हो तो कई सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं परन्तु माफियाओं की प्रशासन में गहरी पैठ का नतीजा है कि जांच होती भी है तो वह कोल माफिया तक नहीं पहुंच पाती।
सूत्रों के अनुसार,गोदावरी कोल कंपनी और प्रापक कोल कंपनी पर कोयले में स्टोन डस्ट और चारकोल (छाई) मिलाने के गंभीर आरोप लगे हैं। बरगवां रेलवे साइडिंग गोंदवाली में यह खेल धड़ल्ले से जारी है।बताया जा रहा है कि मालगाड़ियों में लोडिंग से पहले ही घटिया सामग्री को कोयले में मिलाकर बिजली संयंत्रों को भेजा जा रहा है। जहां इन संयंत्रों में ललितपुर थर्मल पावर, बजाज एनर्जी लिमिटेड और प्रयागराज पावर प्लांट शामिल होने की चर्चा जोरों पर है जहां घटिया कोयले के कारण बिजली उत्पादन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
निष्पक्ष और सख्त जांच की मांग
मिलावटखोरी के इस खेल को प्रशासन और कुछ राजनीतिक नेताओं का समर्थन प्राप्त है। गोदावरी कोल कंपनी के कर्ताधर्ता, ट्रांसपोर्टर और कुछ सफेदपोशों की सांठगांठ की बात सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि इस काले खेल की सच्चाई तभी उजागर हो सकती है, जब इस पर निष्पक्ष और सख्त जांच की जाए। हाल ही में जिले में नए पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति के बाद कोयला माफियाओं पर लगाम लगाने की उम्मीद थी। लेकिन माफियाओं ने मुखबिरों का जाल बिछाकर प्रशासन को चकमा देते हुए अपना गोरखधंधा फिर से शुरू कर दिया है। बरगवां रेलवे साइडिंग पर स्टोन डस्ट मिक्सिंग और छाई की मिलावट का कार्य जोरों पर है।
सरकारी राजस्व को हो रहा है नुकसान
सूत्रों के अनुसार, 1 नवंबर से शुरू हुई इस मिलावटखोरी में बड़े पैमाने पर छाई और स्टोन डस्ट का उपयोग हो रहा है। मिलावट के इस खेल से न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि बिजली उत्पादन कंपनियां भी सीधे तौर पर प्रभावित हो रही हैं। जिसे जिले में कोयला मिलावट के इस गंभीर मुद्दे ने प्रशासन और जनता के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस खेल में शामिल सफेदपोशों और माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि जिले में पारदर्शिता और ईमानदारी से काम हो सके।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट