सिंगरौली//राघवेन्द्र सिंह गहरवार
कोरोना वायरस के इस दौर में कर्तव्य निभाते हुए ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में शहीद हुए मोरवा निवासी एसआई एमडी शाहिद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मोरवा एसडीओपी नीरज नामदेव, निरीक्षक नागेंद्र प्रताप सिंह, रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी के साथ मोरवा में पदस्थ उनके बैचमेट उपनिरीक्षक शीतला यादव, विनय शुक्ला व अन्य अधिकारियों ने शहीद हुए एसआई को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान शहीद एसआई को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शोक के समय में बंदूक उल्टा कर उनको सम्मान दिया गया।
एमडी शाहिद का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात मोरवा पहुंचा था। उनके भाइयों समेत सभी परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। अचानक उनकी मौत की खबर मिलने के बाद कई शख्स उनके आवास पर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। मोहम्मद शाहिद पिता स्वर्गीय रियाजुद्दीन अली मोरवा वार्ड क्रमांक 9 के निवासी थे जो बतौर पुलिस विभाग में बतौर सब-इंस्पेक्टर पन्ना जिले के धरमपुर थाने की कमान संभाले हुए थे। रविवार देर रात एक सड़क दुर्घटना में वह घायल हो गए थे,जिन्हें उपचार हेतु जबलपुर ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई। सोमवार देर शाम उनका पार्थिव शरीर मोरवा लाया गया। शहीद के अंतिम दर्शन हेतु छोटी मस्जिद में लोगों के आने का सिलसिला जारी था। लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के कारण कई लोग अपने घर की छतों से शहीद को देखने को मजबूर थे। छोटी (नूरी) मस्जिद के मैदान में एस आई एमडी शाहिद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां मोरवा थाने के पुलिसकर्मियों के साथ क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों व अन्य लोगों द्वारा शाहिद के पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। जिसके बाद मोरवा एसडीओपी नीरज नामदेव एवं आर आई आशीष तिवारी ने अंतिम यात्रा में शाहिद के जनाजे को कंधा दिया।
भाइयों में सबसे छोटे शाहिद की मौत की खबर मिलते ही घर में मातम का माहौल पसर गया। सभी का लाडला और शाहिद पढ़ाई में भी मेधावी था। सिंगरौली केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई करके शाहिद ने वर्ष 2002 में बतौर आरक्षक मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में जॉइन किया था। वहीं सन् 2016 में एग्जाम पास कर सब इंस्पेक्टर बने थे।भाई की मौत की खबर सुनते ही बड़े भाई अरशद और इरशाद आहत हो गए थे। वहीं लॉक डाउन के बीच दुबई में रह रहे भाई राशिद छोटे भाई की मौत की खबर से आहत थे,जिसने छोटे भाई शाहिद की अंतिम यात्रा वीडियो कॉलिंग के द्वारा देखी। इनकी बहन भी भाई की मौत की खबर मिलते ही अपने पति संग बोकारो से लौट आई थी। वहीं जबलपुर से शाहिद की पत्नी दोनों बच्चों के साथ मोरवा आ गई थी।