सिंगरौली//राघवेन्द्र सिंह गहरवार। सिंगरौली जिले में कुछ दिन पहले बरगवां रेलवे स्टेशन पर खाद की रैक लगी जिससे कि किसानो को समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध हो सके. खाद की रैक लगने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है और ये सब हो पाया सिंगरौली जिले के युवा तेज तर्राट जिला कलेक्टर के.वी.एस. चौधरी की कोशिशो और पहल से, लेकिन जैसे ही खाद की रैक लगने की खबर मीडिया के सामने आया उसके बाद फिर क्या था, नेताओ ने मुफ्त की लोकप्रियता पाने और श्रेय लेने की मानो होड़ सी लग गई।
वही बिना देर किए भाजपा की सांसद रीति पाठक ने भी मौका देख खाद की रैक का मामला बिना देर किए लपक ली और कुछ दिन बाद मीडिया में खबर आने लगी कि खाद की रैक सिंगरौली जिले को भाजपा सांसद रीति पाठक की देन है. वही कुछ दूसरे पार्टी के भी नेता फायदा लेने में पीछे नही रहे और मीडिया की सुर्खियों में सांसद रीति पाठक सहित कई नेता छाये रहे लेकिन आपको बता दें कि सिंगरौली जिले के खाद की रैक कब लगने वाली थी और कहाँ लगेगी किसी भी पार्टी के नेताओ को पता नही था।
अगर इन नेताओं को खाद की भनक तक लग जाती तो नेता जी लोग बरगवां रेलवे स्टेशन पर पूजा अर्चना हरि झंडी दिखाने पहले ही पहुंच जाते लेकिन इसकी चर्चाएं हर चौराहे और दुकानों पर हो रही लोग एक दूसरे को ये कहते नजर आ रहे हैं कि सिंगरौली जिले के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा ये नेता हैं जो सिंगरौली के विकास के लिए कुछ करते तो नही लेकिन जब कोई सिंगरौली के विकास के लिए पहल करता है तो पहले तो ये नेता उस काम मे रोड़ा डालने का काम करते है. अगर किसी तरफ काम हो जाये तो उस काम के होने का श्रेय लेने में पीछे नही हटते हैं.
मध्यप्रदेश में सिंगरौली जिला प्रदूषण व युवा बेरोजगारी में नम्बर 01 पर कोई भी नेता नही लेना चाहता श्रेय
ये जानकर आपको भी हैरानी हो रही होगी लेकिन ये हकीकत है कि आज सिंगरौली( जिला अपने बदहाली पर रोता हुआ नजर आ रहा है. मध्यप्रदेश में सिंगरौली को प्रदूषण में पहला पायदान मिला है वही बेरोजगारी में भी इंडस्ट्रियल हब कहे जाने वाले सिंगरौली जिसे उर्जाधानी व विधुत की जननी भी कहा जाता है, वही जो आपने काले हीरे के कारण दिल्ली तक अपनी छाप छोड़ी है. वही दर्जनों बड़ी कंपनियां संचालित है लेकिन इसके बाद भी सिंगरौली जिले में युवा बेरोजगारी भी नम्बर 01 पर है इतना ही नही अन्न दाताओं से उनकी फसल उगाने वाली जमीने कंपनी द्वारा अधिग्रहित कर ली गई. घर से बेघर कर विस्थापित कर दिया लेकिन विस्थापितो को उनका हक आज तक नही मिला वही शिक्षा और स्वास्थ्य भी बदहाल और बेजारी से गुजर रहा है लेकिन इसका श्रेय और लोकप्रियता लेने के लिए कोई भी नेता आगे नही आये या हम ये कहे कि प्रदूषण, आये दिन सड़को में अकाल मृत्यु,बेरोजगारी, विस्थापन, बदहाल स्वास्थ्य और शिक्षा का श्रेय लेने में सभी पार्टी के नेता पल्टी मार लेते हैं.
वही आपको बता दे कि सिंगरौली जिले के खुटार में साकेत मोहल्ला में पानी की समस्या से लोग जुंझ रहे हैं. गहिलरा पंचायत,करकोसा पंचायत,जरौन्धी पंचायत सहित दर्जनों गांव पानी की किल्लत से जुंझ रहे हैं वही साकेत मोहल्ला के लोगो द्वारा सांसद रीति पाठक व विधायक सुभाष वर्मा को हैंडपंप के लिए कई बार आवेदन दिए लेकिन सांसद व विधायक के द्वारा आश्वासन मिला लेकिन पानी नही जबकि सिंगरौली जिले से सांसद अपने गांव में 250 के लगभग हैण्ड पम्प का खनन NCL के द्वारा मंजूर करवाई लेकिन चुनाव के समय सिंगरौली को अपना मायका बताकर वोट मांगने वाली सांसद अपने मायके के लोगो को एक पानी के लिए हैण्डपम्प तक नही दे पाई.